विक्रम मिश्रा, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की परिषदीय विद्यालयों में कई गई 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अब योगी सरकार के लिए गले की फांस बनते जा रही है। इसकी काट निकालने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री ने खुद ही अब कमान संभालने का निर्णय लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इतनी बड़ी संख्या में भर्ती हुए अध्यापकों और उनके परिवारों को राहत देने के लिए शिक्षक संघो और अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक कर इन विषयों पर जानकारी जुटा रहे है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर अपने आदेश में पुनः लिस्ट जारी करने के लिए सरकार को आदेशित किया है। हालांकि इस आदेश के बाद भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती नहीं करने का फैसला किया है। नई मेरिट लिस्ट में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले वर्ग में सामान्य और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी है। इन्हीं लोगों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार नया रास्ता तलाश रही है, जिससे कि इनके सामने जीविका का संकट न आये।
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नए विकल्पों पर विचार कर रही सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार वित्तीय और विधिक राय के जरिए इस बात को पुख्ता करने की कोशिश कर रही है कि किसी भी अभ्यर्थी की नौकरी न जाये। प्रशासनिक परीक्षणों के आधार पर बनाये गए मजमून को सरकार अपने कैबिनेट से मंजूरी देने के बाद लागू करने की रणनीति बना रही है।
विपक्ष के अस्त्र को परास्त करने के लिए योगी का ब्रम्हास्त्र
69 हजार शिक्षकों की भर्ती को लेकर सरकार पशोपेश में है। जबकि हाईकोर्ट के निर्णय के बाद नई लिस्ट में प्रभावित होने वाली आबादी में सबसे अधिक सामान्य और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी है। आपको बता दें कि ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य और भूमिहार आबादी बीजेपी के कोर वोटरों के रूप में अपनी पहचान रखते है। जिसको किसी भी हाल में सरकार खोना नही चाहती है।
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वहीं विपक्ष के इस मुद्दे को हमेशा के लिए गौड़ करने के लिए सरकार के प्रमुख अधिकारी लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताते है कि सरकार नई मेरिट लिस्ट में नौकरी जाने वाले अभ्यर्थियों को भी किसी न किसी रूप में समायोजित कर उनसे शिक्षण कार्य लेने पर भी रणनीति बना रही है। इसके लिए अलग अलग विभागों की ओर से संचालित शिक्षण संस्थाओं से भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
नई भर्ती पर फंस सकता है पेंच
69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पिछले 4 सालों से हाईकोर्ट में चल रही है। जबकि परिषदीय विद्यालयों में अभी भी लगभग 89 हजार पद रिक्त है। ऐसे में 69 हजार शिक्षकों की नई लिस्ट जारी होने और पदच्युत (Dismissed) अभ्यर्थियों के समायोजन में नई भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक लग सकता है।
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