रायपुर. रेल यात्रियों के लिए राहत की खबर है अब उन्हें सफर के दौरान बोगी में पानी की किल्लत की समस्याओं से नहीं गुजरना पड़ेगा. यात्रियों की इन शिकायतों को दूर करने में रेलवे ने एक नया तरीका ढूंढा है. ट्रेन की बोगियों में पानी कम होते ही मोबाइल पर एक अलर्ट मिलेगा. इसके लिए तकनीक का सहारा लेते हुए ट्रेनों की बगियों में सेंसर से चलने वाली एक डिवाइस लगाई जा रही है. इससे कोच में पानी की उपलब्धता का तुरंत अपडेट मिल सकेगा. इसे ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस (Brahmaputra Mail Express) के एक रेक पर एक पायलट परियोजना के रूप में स्थापित की गया है. इसमें पानी का लेवल मापने के लिए हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर सेंसर लगाया गया है.
नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे जोन ने की शुरुआत
नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे या पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा के हवाले से दी गई मीडिया रिपोर्ट्स में ये जानकारी दी गई है. 16 अगस्त, 2024 को कामाख्या रेलवे स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस ट्रेन में वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम का उद्घाटन किया गया है.
आधुनिक तकनीकों से लैस है सिस्टम
यह कम्यूनिकेशन सिस्टम डिवाइस बैटरी से संचालित होती है. इसका बैकअप 6 माह का है, इसे बार-बार चार्ज करने की भी जरूरत नहीं पड़ती.
वाटर मैनेजमेंट में सहायक
यह सिस्टम लंबी दूरी की ट्रेनों पर वाटर मैनेजमेंट के लिए एक बड़ा कदम है, जिसे यात्रियों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस प्रणाली में आईओटी तकनीकों के माध्यम से लोगों को फोन पर मैसेज भी प्राप्त हो जाया करेगा.
ब्रह्मपुत्र मेल से शुरुआत (Starting with Brahmaputra Mail)
मीडिया रिपोर्ट्स में जनसंपर्क अधिकारी ने कहा है कि इसे ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस के एक रेक पर एक पायलट परियोजना के रूप में स्थापित की गया है. यह अत्याधुनिक उपकरण ट्रेन के पानी के टैंकों में जल स्तर की निरंतर और सटीक निगरानी करता है. यह एलओआरए और जीपीआरएस-आधारित संचार का उपयोग करता है, जिससे लंबी दूरी वाले वायरलेस डेटा ट्रांसमिशन की सुविधा मिलती है
लंबी दूरी में कारगर
चौबीसों घंटे पानी की उपलब्धता बताना वाला यह वाटर इंडीकेटर लंबी दूरी के मार्गो पर रेल सेवा के उच्च मानकों को बनाए रखने में एक आवश्यक उपकरण है.
बेहतर बनाने की पहल सिस्टम में डेटा लॉगिंग को रियल टाइम टिकटों के साथ सिंक्रोनाइज करने के लिए एक रियल- टाइम क्लॉक भी शामिल है, जिससे रियल टाइम विश्लेषण में सहायता मिलती है और ठीक प्रकार से जल प्रबंधन सुनिश्चित होता है.