दीपक कौरव, नरसिंहपुर। अगर आप गुड़ खा रहे हैं या नवजात बच्चे की मां को गुड़ से बना कोई स्वादिष्ट व्यंजन खिलाने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि बेमौसम बनने वाला यह गुड़ धीमा जहर है। वैसे तो नरसिंहपुर का गुड़ पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान, अपनी खास मिठास और शुद्धता के लिए जाना जाता है। लेकिन अब इस गुड़ में ग्रहण लग चुका है और यह ग्रहण लगाया है बाहर से आए गुड़ माफियाओं ने लगाया है। जो बैमौसम में बनने वाला गुड़ धीमा जहर साबित हो सकता है।

बेमौसम बनने वाला यह गुड़ उस सीरे से तैयार हो रहा है, जिसमें कीड़े बिलबिला रहे हैं और सैकड़ों की तादाद में मक्खियों मरी हुई है। नरसिहपुर में शुद्ध गुड ठंड के मौसम में बनता है यानी बारिश के बाद जब गन्ना पक चुका होता है और उससे निकलने वाले रस से शुद्ध और मीठा गुड़ बनाया जाता है। लेकिन बारिश के मौसम में बनने वाला यह गुड़ सड़े हुए गुड़ या फिर शुगर मिलों से निकलने वाले बेकार सीरे से बनाया जा रहा है। जो बेहद हानिकारक है।

शहर में बनने वाले इस मिलावटी गुड़ को लेकर कमलनाथ सरकार ने जिले में बड़ी कार्रवाई की थी, जिससे जिले के किसानों को आश थी कि अब मिलावटी गुड़ नहीं बनेगा और किसानों का शुद्ध गुड़ ही बाजार में बिकेगा। जिससे गुड़ किसानों की साख बरकरार रहेगी। लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद जिले में एक बार फिर मिलावटी गुड़ बनाने वाले गुड़ माफियाओं ने पैर पसारना शुरू कर दिया है।

यह माफिया उत्तर प्रदेश और बिहार से नरसिंहपूर में आकर किसानों की गुड़ भट्टियां किराए पर लेकर मिलावटी गुड़ बनाने का काम कर रहे हैं। जिससे जिले का किसान तो परेशान है। साथ ही में जिले का गुड़, जो एक जिला उत्पाद में शामिल हैं उस पर भी ग्रहण लग रहा हैं।

इस मामले में जिले के आला अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से मना करते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बहरहाल, देखना यह होगा कि प्रशासन इन मिलावटखोरों पर क्या कार्रवाई करती है या फिर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति होती है।

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