योग, एक ऐसी विद्या है जो इंसान को शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह से स्वस्थ रखती है. यदि आप नियमित योग कर रहे हैं, तो आप खुद को हर वक्त एनर्जेटिक (ऊर्जावान), कांफिडेंट और एक्टिव (सक्रिय) महसूस करेंगे. आपका मन शांत और नियंत्रित रहेगा. आपको लग रहा होगा कि यह सब किताबीं बातें हैं. ऐसा नहीं है, एक बार शुरुआत कीजिए. अगर, आप योग में नए हैं तो आपको इसकी शुरूआत के लिए 5 ऐसे योगासनों के करना चाहिए, जो सुबह आसानी से हो जाएं.
हमारे धार्मिक ग्रंथों, वैदों में, आयुर्वेद में योग का प्रमुखता से जिक्र है. योग संजीवनी का काम करता है. आईए 5 योगासान के बारे में जानें, समझें.
ताड़ासन
यह शरीर की मुद्रा और संतुलन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. पहले आप सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं. दोनों हाथों को आसमान की ओर सीधा उठाएं. उंगलियों को आपस में फंसा लें. अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े हों. शरीर को ऊपर की ओर खीचें. जब आप खुद को तना हुआ महसूस करें तो कुछ देर मुद्रा में बने रहें और सांस लेते रहें. फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं. इसे 5 बार दोहराएं.
अधोमुख श्वानासन
श्वानासन हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को मजबूती देने के साथ-साथ तनाव को दूर करता है. वज्रासन मुद्रा में बैठकर सामने की तरफ झुकते हुए हाथों को जमीन पर रखें. गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं. इस स्थिति में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए.
भुजंगासन
यह अभ्यास ऊर्जा बढ़ाने और तरोताजा रखने के लिए किया जाता है. हाथों को कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेटें. हाथों से दबाव दें, शरीर को जहां तक संभव हो ऊपर उठाएं. इस दौरान सामान्य सांस लेते रहें. कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं.
वीरभद्रासन
यह पैरों और हिप्स को मजबूती देता है. एकाग्रता को बढ़ता है. इसके लिए पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं. हाथों को कंधे की सीध में फैला लें, फिर दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं. शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें. थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं. इसके बाद इस प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं.
बालासन
यह योगासन शरीर और दिमाग को आराम देता है. इसके लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लें. हाथों को ऊपर उठाएं. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं. कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें.इसके बाद सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं.
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