शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के कोयलांचल से एक शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक मृतक के शव का दाह संस्कार करने के लिए जब ग्रामीण पहुंचे तो भारी बारिश के बीच उन्हें एक तिरपाल पकड़कर खड़े रहना पड़ा, तब जाकर 5 साल की मासूम बच्ची ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।

दरअसल, जमकुंडा में रहने वाले रंजीत पिता हजारीलाल खरे का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बुधवार को तेज बारिश के बीच मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीण उसकी शव यात्रा लेकर ग्राम पंचायत भवन के पीछे स्थित वन विभाग की भूमि पर पहुंचे। जहां लकड़ियों की व्यवस्था तो की गई, लेकिन बारिश से बचने का कोई उपाय ग्रामीणों के पास नहीं था। बड़ी मुश्किल से शव को चिता पर लेटाया गया और शव यात्रा में शामिल लोगों को एक तिरपाल लेकर चिता के ऊपर चारों तरफ से पकड़कर खड़े होना पड़ा।

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इसके बाद मृतक की 5 साल की मासूम बेटी ने उसे मुखाग्नि दी। बड़ी मुश्किल से चिता को आग लगी और जहां वैज्ञानिक रूप से या सलाह दी जाती है कि चिता से उठने वाले धुएं और आग की लपटों से दूर रहना चाहिए, वहीं ग्रामीणों को तिरपाल लेकर चिता के आसपास खड़े रहना पड़ा।

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ग्राम पंचायत जमकुंडा मुख्य मार्ग पर स्थित है। यहां पंचायत ने 9 वार्डों के लिए मोक्षधाम और शेड की व्यवस्था नहीं की है। ग्रामीण पंचायत भवन के पीछे दाह संस्कार करते हैं। उपसरपंच राकेश खरे का कहना है कि कई बार मांग की गई, लेकिन मोक्षधाम में शेड नहीं बनाया गया। जिस वजह से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। जमकुंडा पंचायत में 13 वार्ड है, 4 वार्ड भाडरी में आते है और 9 वार्ड ग्राम जमकुंडा में है। जिसकी आबादी लगभग 1300 से अधिक है।

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