नई दिल्ली . केंद्र सरकार सितंबर में 3 साल की देरी से जनगणना का काम शुरू करा सकती है. आंकड़े जुटाने में लगभग 18 महीने लगेंगे. देश में 10 वर्ष में एक बार होने वाली जनगणना 2021 में पूरी होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार को जनगणना में देरी को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. अर्थशास्त्रित्त्यों के साथ ही विपक्ष भी सरकार पर इसे लेकर हमला बोलता रहा है. अर्थशास्त्रित्त्यों का मानना है कि इसमें देरी की वजह से अन्य सांख्यिकीय सर्वेक्षण (इकोनॉमिक डाटा, महंगाई और जॉब एस्टिमेट आदि शामिल) की गुणवत्ता पर असर पड़ता है. इस मामले से जुड़े सरकारी अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने मार्च 2026 तक जनगणना के परिणाम जारी करने का लक्ष्य रखा है.
PMO से मंजूरी के बाद ही शुरू होगी जनगणना
सरकारी सूत्रों में से एक ने यह भी बताया कि जनगणना की प्रक्रिया को शुरू करने की अंतिम मंजूरी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से फिलहाल नहीं मिली है और उसी का इंतजार किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र (UN) की पिछले साल जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया फिलहाल दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है. 2023 में भारत इस मामले में चीन को पछाड़ते हुए नंबर-1 पर आ गया था.
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