विक्रम मिश्र, लखनऊ. लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने और आरएसएस और सरकार के बीच संवाद नहीं होने के कारण परिणाम अपेक्षिक नहीं रहा, लेकिन यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव और आगामी 27 के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है. यही कारण है पार्टी के पदाधिकारियों को उचित स्थान और सम्मान के लिए लगातार सीएम योगी निर्देश दे चुके हैं.

दरअसल, लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को यूपी में लक्ष्य मुताबिक बहुत कम सीटें मिली हैं. जिसके बाद से यूपी की राजनीति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसी बीच उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकार से बड़ा संगठन के बयान ने बीजेपी की अंदरूनी कलह को हवा दे दी थी. सरकार और पार्टी के नेताओं के दिल्ली दौरे भी खूब चर्चा में रहे. हालांकि अब बहुत हद तक स्थिति सामान्य है.

इसी बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर सरकार, संगठन और संघ की बैठक हुई है. इस बैठक में उपचुनाव समेत कई मुद्दों पर बेहद अहम चर्चा हुई है. बताया जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ के बड़े पदाधिकारी के साथ ही दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत बीजेपी कोर कमेटी के सदस्य भी मौजूद थे. करीब तीन घंटे चली इस बैठक में सरकार और संगठन के बीच मनमुटाव को दूर करना बैठक का मुख्य एजेंडा था. इसको लेकर संघ की ओर की ओर से चिंता भी वक्त की गई है.

सरकार Vs संगठन

बैठक में सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय के साथ ही आने वाले दिनों में होने वाले उपचुनाव को लेकर भी बेहद महत्वपूर्ण चर्चा हुई है. उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बीजेपी बूथ स्तर पर फोकस करेगी. साथ ही बैठकों के ज़रिए जनता तक सीधी पहुच बनाने की कोशिश करेगी. इसके अलावा सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के लाभार्थियों से मिलकर सरकार के योजना का प्रचार भी करेगी.

पुराने कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो

1 सितंबर से शुरू होने जा रहे सदस्यता अभियान को लेकर भी चर्चा हुई है. इस अभियान के तहत सभी वर्गों के साथ ही पिछड़ों और दलितों को भी ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए कहा गया है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में यह भी तय हुआ है कि निकायों और बोर्डों में खाली पड़े पदों पर पार्टी के लिए समर्पित पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी जाए.

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