विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह अपने कार्यशैली और त्वरित फैसलों के लिए जाने जाते हैं. उनके ही मुताबिक यूपी को 10 खराब डॉलर की अर्थ व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से होने वाले कार्यों पर तो कड़े और तुरंत फैसले लेने होंगे. उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में रिकॉर्ड निवेश हुआ था. ऐसे में सिंगल विंडो सिस्टम को भी लागू करते हुए आवेदन से लगाए NOC तक सब कुछ ऑनलाइन कर दिया गया. लेकिन इसके बाद भी यूपी में निवेशकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. वहीं फाइल की मूवमेंट को लेकर हीलाहवाली की खबरे सामने आ रही थी. जिस पर की मुख्य सचिव ने जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए हैं.

प्राथमिकता में राजस्व और रोजगार

औद्योगिक नीतियों के साथ इलेक्ट्रॉनिक IT, सेमीकंडक्टर, EV, फूड प्रोसेसिंग, MSME नीतियों समेत 25 नीतियों को समाहित कर उस पर सरकार प्राथमिकता से कार्य कर रही है. जिससे कि रोजगार के साथ प्रदेश को राजस्व भी मिल सके. उत्तर प्रदेश सरकार की ये मंशा है कि निवेश की नीतियों से आम जन को भी फायदा मिले. इसलिए निवेशकों के लिए आसान व्यवस्था बनाने पर सरकार ध्यान दे रही है. बता दें कि अब उत्तर प्रदेश में किसान चाहे तो औद्योगिक गतिविधियों के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल कर सकता है. जिसकी जिम्मेदारी खुद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग संभालेगा.