लखनऊ। लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से ही भाजपा के भीतर मचे घमासान को थामने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अब कमान संभाल ली है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार की मौजूदगी में संघ, सरकार और भाजपा संगठन के बीच समन्वय को लेकर एक बड़ी बैठक हुई। जिसमें सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय के साथ ही उप चुनाव की रणनीति, निकायों और बोर्डों में पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
बुधवार को राजधानी लखनऊ में सीएम आवास पर आरएसएस के साथ सरकार और संगठन के साथ बैठक हुई। यह बैठक सह सरकार्यवाह अरुण कुमार की अगुवाई में हुई। जिसमें उपचुनाव का एजेंडा तय हुआ है। बीजेपी के अंदर मचे घमासान को खत्म कर एकजुट होकर उपचुनाव को जीतने की रणनीति तैयार की गई है। वहीं उपचुनाव में संघ भी भारतीय जनता पार्टी के साथ मोर्चा संभालेगा।
ये भी पढ़ें: राकेश टिकैत पर NSA लगाने की मांग: BJP विधायक ने सीएम को लिखा पत्र, कहा- देश विरोधी ताकतों को समय रहते कुचला जा सके
संघ ने दिए ये निर्देश
बैठक में तय हुआ है कि उप चुनाव में बीजेपी के साथ संघ कार्यकर्ताओं को भी तैयारियों में भागीदार बनाया जाए। माना गया है कि जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच पनपे असंतोष और उपेक्षा के कारण भी लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। इसलिए आगे से पुराने और कॉडर वाले कार्यकर्ताओं के सम्मान का ख्याल रखा जाए। उनकी उपेक्षा की शिकायतों को दूर किया जाए। नौकरशाही के मनमाने व्यवहार को लेकर कहा गया कि जिला स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों बीच बेहतर समन्वय से जनता के काम कराने की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए।
यूपी में मचे घमासान पर जताई चिंता, गुटबाजी से दूर रहने की कही बात
संघ ने यह भी निर्देश दिया है कि बाहरी दलों से आये लोगों की जगह अपने पुराने कार्यकर्ताओं पर जोर दिया जाए और उन पर भरोसा किया जाए। वहीं सरकार और संगठन के बीच मचे घमासान पर चिंता जताई है। संघ ने गुटबाजी से दूर रहने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी स्थितियों से बचे। मतभेद होने पर मीडिया में बयान देने से बचें। आपस में बैठकर संवाद करें और समस्याओं का समाधान करने की बात कही है।
ये भी पढ़ें: दिल मिले या चेतावनी से बयान की तल्खी हुई नरम! संगठन Vs सरकार के बाद केशव प्रसाद क्यों हुए योगी के मुरीद?
बैठक में संघ ने कहा कि उपचुनाव में सभी 10 सीटें जीतने की तैयारी के साथ मैदान में उतरें। साथ ही पीडीए के भ्रमजाल को रोकने के लिए भी रणनीति बनाई जाए। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए PDA के भ्रम को अधिक से अधिक फैलने से रोकने पर जोर दिया जाए। गौरतलब है कि यूपी उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। उपचुनाव में संघ के मोर्चा संभालने से कहीं न कहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की टेंशन बढ़ सकती है।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक