कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 28 अगस्त को रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। जिसके लिए जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने मिलकर सभी तैयारियां को अंतिम रूप देना शुरू भी कर दिया है, लेकिन शहर की एक बड़ी समस्या इस आयोजन के पहले जिम्मेदारों के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है। आखिर क्या है वह चुनौती..? पढ़िए हमारी यह खास स्पेशल रिपोर्ट…

28 अगस्त को ग्वालियर के राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव का आयोजन होना है। जिसमें शामिल होने के लिए लगभग 4000 से ज्यादा अतिथियों का आगमन होगा। यह सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और सड़क मार्ग से ग्वालियर पहुंचेंगे, लेकिन तमाम तैयारियां के बावजूद शहर की एक सबसे बड़ी समस्या जिम्मेदारों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। यह सबसे बड़ी समस्या है, आवारा पशु और मवेशी। जी हां कॉन्क्लेव से पहले शहर में आवारा मवेशी और पशुओं की समस्या को खत्म करने निगम ने विशेष अभियान ही छेड़ दिया है, दो दर्जन से अधिक अधिकारियों को इसका जिम्मा सौंपा गया है। आंकड़े क्या कहते है ? आइए आपको बताते है…

  • सड़कों पर 30000 स्ट्रीट डॉग्स
  • 10000 आवारा गोवंश
  • 3000 बंदर
  • हजारों की संख्या में अन्य आवारा पशु जिनमें बिल्ली, सुअर आदि।

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स्थानीय उद्योगपति और व्यापारियों ने कही ये बात

स्थानीय उद्योगपति और व्यापारियों का भी मानना है कि शहर में अतिथियों के आगमन से पहले आवारा मवेशी और पशुओं की समस्या को हल करना बहुत जरूरी है। जिम्मेदारों को इस दौरान यह नहीं करना चाहिए कि कॉन्क्लेव आयोजन के इलाके के अलावा वहां तक पहुंचने वाले रास्तों से आवारा मवेशी और पशुओं को हटा दिया जाए और उन्हें शहर के किसी दूसरे इलाके में छोड़ दिया जाए। इसके चलते शहर के लोगों को और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। आवारा मवेशी और पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान नगर निगम को निकालना ही चाहिए।

निगम आयुक्त ने दिए ये निर्देश

शहर में इन हालातों के चलते ही अब रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव से पहले नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव ने आवारा मवेशियों को पकड़ने के साथ ही स्ट्रीट डॉग्स की वर्थ को कंट्रोल करने के विशेष निर्देश दिए हैं।

कई दिग्गज, उद्योगपति होंगे शामिल, विदेशों से अतिथियों का आगमन

गौरतलब है कि अंचल में औद्योगिक क्रांति लाने वाले इस आयोजन में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट सहित अन्य मंत्री सांसद विधायकों और उद्योगपतियों सहित लगभग 4000 लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही कनाडा, नीदरलैंड, मैक्सिको, घाना, जांबिया से भी अतिथियों का आगमन होगा। ऐसे में उनके आगमन से पहले इस समस्या को खत्म करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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वह भी तब जब ग्वालियर शहर में आवारा जानवरों के आतंक को खत्म करने के लिए हर साल लगभग 21 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि उन्हें कंट्रोल करने के साथ ही उनके रखरखाव पर खर्च की जाती है। इसके अलावा आवारा पशुओं को पकड़ने पर साल में लगभग 40 लाख रुपए का खर्च कर्मचारियों के वेतन भत्ते के साथ वाहनों पर खर्च होता है। ऐसे में रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव से पहले शहर की इस ज्वलंत समस्या का आखिर कैसे स्थायी निदान निकल पाता है यह देखना होगा।

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