विक्रम मिश्र, लखनऊ. बसपा ने आरक्षण पर कोर्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को भारत बंद का ऐलान किया गया था. जिसको लेकर बसपा कैडर के सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी सड़कों पर नजर आए. 8 साल बाद बसपा सड़कों पर किसी खास विषय पर आंदोलनरत थी, जबकि माया के इस बंद के समर्थन में सपा और अन्य विपक्षी दल भी खुलकर समर्थन दिया.

बता दें कि पीडीए का नारा बुलंद करने वाले अखिलेश यादव ने भी भारत बंद पर अपने कार्यकर्ताओं को सड़कों पर शांति से प्रदर्शन करने के लिए निर्देशित किया था. बावजूद इसके अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जातिवादिता का आरोप मायावती ने लगाया है.

मायावती ने अपने वोट कैडर को ये संदेश भी देने की कोशिश किया कि सपा और कांग्रेस में दलितों-वंचितों का हित सुरक्षित नहीं है. सिर्फ बसपा ही दलितों की रहनुमा है. इसके साथ ही उन्होंने पटना में हुए प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की. मायावती ने आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए इसके समाधान की भी अपील की.

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