नई दिल्ली. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का लंबे समय से इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है. वंदे भारत ट्रेनों की सफलता के बाद, रेलवे अब वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की शुरुआत की योजना बना रहा है. ऐसा बताया जा रहा है कि भारत की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन इस साल के अंत तक चल सकती है. यह ट्रेन वंदे भारत सीरीज की तीसरी वेरिएंट होगी, जिसमें पहले चेयर-कार ट्रेन और बाद में गुजरात में चलने वाली वंदे मेट्रो शामिल हैं. चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के महाप्रबंधक यू. सुब्बा राव के अनुसार, पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अगले महीने तक तैयार हो जाएगी.
इस ट्रेन का निर्माण भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) के बेंगलुरु प्लांट में 20 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. राव ने कहा, “BEML कोचों का एकीकरण कर रहा है और हमें उम्मीद है कि कोच 20 सितंबर तक चेन्नई के ICF पहुंच जाएंगे. इसके बाद रेक निर्माण, अंतिम परीक्षण और कमीशनिंग की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें लगभग 15-20 दिन लगेंगे. इसके बाद, ट्रेन को मुख्य लाइन परीक्षणों से गुजरना होगा, जिसमें करीब दो महीने का समय लगेगा. इसमें लखनऊ स्थित रेलवे डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) के तहत ऑसिलेशन परीक्षण भी शामिल होगा. हाई स्पीड टेस्ट के लिए ट्रायल रन उत्तर पश्चिम रेलवे क्षेत्र में किए जाएंगे.”
CM केजरीवाल मामले में आतिशी ने CBI पर लगाया आरोप…
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के डिजाइन का कार्य जारी है. मई 2023 में, ICF चेन्नई ने BEML लिमिटेड के साथ 16-कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के 10 रेक के डिजाइन और निर्माण के लिए आदेश दिया था. यह ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलने में सक्षम होगी. राव ने बताया, “चूंकि यह पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन है, इसे पूरा करने में थोड़ा अधिक समय लग रहा है. यह यूरोपीय मानकों को पूरा करेगी और दिसंबर 2024 तक सभी परीक्षण और ट्रायल रन के बाद परिचालन में आ जाएगी.”
‘दृश्यम’ देख पुलिसवाले ने बनाया प्लान, रेलवे ठेकेदार की हत्या
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में यात्रियों को एक विश्वस्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने की योजना है. ट्रेन में रात की यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए वॉशरूम की ओर जाने के लिए सीढ़ी के नीचे एलईडी स्ट्रिप्स होंगी. इसके अतिरिक्त, ट्रेन में परिचारकों के लिए अलग से बर्थ भी होंगे. 16-कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कुल 823 बर्थ होंगी, जिसमें 11 3AC कोच (611 बर्थ), 4 2AC कोच (188 बर्थ), और 1 1AC कोच (24 बर्थ) शामिल होंगे. इस ट्रेन का विकास BEML और हैदराबाद स्थित मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड ने किया है, जिसमें पोलैंड स्थित यूरोपीय रेल कंसल्टेंट, EC इंजीनियरिंग के डिजाइन इनपुट्स भी शामिल हैं.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक