शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में अब कोयला, पानी और सोलर पैनल के साथ-साथ न्यूक्लियर एनर्जी से भी बिजली बनेगी। न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के साउथ कोआर्डिनेशन के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है। कमेटी में कुल 10 सदस्य बनाए गए हैं, जिसमें अध्यक्ष ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को बनाया गया है। इसके अलावा जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव को सदस्य, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग, आयुक्त जबलपुर संभाग,कलेक्टर जिला मंडला समेत 10 अधिकारियों को  सदस्य बनाया गया है। 

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दीमापुर और चुटका में दो प्रोडक्शन यूनिट लगाने के लिए अफसरों को जिम्मेदारी दी गई हैं।  बिजली के उत्पादन से पहले नोटिफाई इलाके को खाली करने और लोगों को मुआवजा देने के लिए अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। ये कमेटी लोगों के बीच पहुंचेगी उन्हें पूरे प्रोजेक्ट के बारे में समझाएगी।  इसके साथ ही भू अर्जन के साथ विस्थापन की भी सरकार व्यवस्था करेगी। 

समिति को इन नियमों को करना होगा  पालन

(i) समिति का कार्यकाल इसके गठन से एनपीसीआईएल द्वारा प्रस्तावित 2×700 मेगावाट चुटका परियोजना तथा 4×700 मेगावाट भीमपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना का संचालन प्रारंभ होने तक रहेगा। 

(ii) समिति द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं के परिप्रेक्ष्य में भूमि अधिग्रहण / कय, मुआवजा एवं संवितरण, परियोजनाओं से विस्थापित परिवारों को परियोजनाओं द्वारा अर्जित भूमि से पुनर्वास एवं पुनर्वास कालोनी में स्थानांतरित किया जाना, आदि मुद्दों के संबंध में आवश्यक प्रशासकीय सहयोग तथा इस हेतु आवश्यक वित्तीय सहायता के संबंध में भी प्रस्ताव दिया जायेगा। 

(iii) समिति द्वारा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान एनपीसीआईएल की संपत्ति तथा परियोजनाओं में कार्यरत ठेका एजेंसियों सहित अधिकारियों, कर्मचारियों व उनके परिवारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु प्रशासकीय सहयोग प्रदान किया जायेगा। 

(iv) समिति द्वारा परियोजनाओं के निर्माण तथा संचालन के दौरान जल आपूर्ति सुनिश्चित करने आवश्यक अनुमोदन, यथा, जल हेतु आश्वासन तथा आवंटन, संशोधित जल की मात्रा हेतु अनुबंध, संशोधित जल आहरण अनुबंध, आदि हेतु जल संसाधन विभाग/नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान किया जायेगा। 

(v) समिति द्वारा परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न विधिक स्वीकृतियां, यथा, सार्वजनिक सुनवाई, भूमि अधिग्रहण, वन स्वीकृति, पर्यावरर्णीय स्वीकृतियां, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्वीकृतियां, आदि के संबंध में प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जायेगा।

(vi) एनपीसीआईएल द्वारा परियोजनाओं की प्रगति के संबंध में विस्तृत जानकारी की समिति के समक्ष समय-समय पर प्रस्तुत की जायेगी, जिसके आधार पर समिति द्वारा विद्युत कय अनुबंध के परिप्रेक्ष्य में अपनी अनुशंसा दी जायेगी।

(vii) एनपीसीआईएल द्वारा परियोजना के कियान्वयन के दौरान ऐसे अन्य मुद्दे, जिनके निराकरण हेतु राज्य सरकार का हस्तक्षेप अपेक्षित है, समिति के समक्ष प्रस्तुत किए जायेंगे। इन मुद्दों पर समिति की अनुशंसा के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। 

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