रणधीर परमार, छतरपुर/ डेस्क। रुतबा किसी नवाब से कम नहीं, महल देख बड़े-बड़े नेता भी शरमा जाएं। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के छतरपुर के उस हाजी शहजाद अली की, जिसके 6 करोड़ की कीमत वाले आलीशान बंगले पर मोहन सरकार ने पीला पंजा (बुलडोजर) चलाकर नेस्तनाबूत कर दिया है। कोतवाली कांड के जिस आरोपी पर यह कार्रवाई हुई है, वह कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष है। आइए जानते हैं इस चर्चित शख्स के बारे में जिसे लेकर अब पूरे देशभर में सियासत हो रही है।

पार्षद से लेकर टायर का का काम करते हैं भाई

कोतवाली में पत्थरबाजी कांड के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली है। वह अंजुमन इस्लामिया कमेटी का पूर्व सदर और कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष है। ये 4 भाई हैं, जिनमें आरोपी हाजी शहजाद अली दूसरे नंबर का है। सबसे बड़े भाई हाजी आजाद अली है जो वार्ड नंबर 24 से कांग्रेस पार्षद है। शहजाद हाजी अली दूसरे नंबर का भाई है। तीसरे नंबर का भाई फैयाज अली है, जो ठेकेदारी का काम करता है। चौथे नंबर और सबसे छोटे भाई है हाजी इम्तियाज अली, जो टायर का काम करता है। 

शहजाद के अलावा आजाद अली का भी तोड़ा गया मकान

मोहन सरकार का बुलडोजर सिर्फ आरोपी हाजी शहजाद अली के आलीशान बंगले पर नहीं चला। बल्कि उसके भाई आजाद अली का मकान भी तोड़ा गया था। वह भी ज्ञापन देने के दौरान मौके पर मौजूद था। इसके अलावा मकान के अंदर रखी तीन कारों को भी क्रेन मशीन से बाहर निकाल कर तोड़ दिया गया था। बताया जा रहा है कि शहजाद अली का यह आलीशान मकान अधूरा था जिसकी वजह से वर्तमान में यहां कोई नहीं रहता था। इस भव्य महल की कीमत लगभग 6 करोड़ रुपए बताई जा रही है। जिन दोनों भाइयों के मकान पर बुलडोजर चला है, उन पर कोतवाली थाने में किए गए पथराव मामले में FIR दर्ज हुई है।

 घर बनाकर इसी में रहने वाले थे सभी

जिस मकान को सरकार ने ध्वस्त किया है, उसे चारों भाई मिलकर बनवा रहे थे। मकान का एरिया लगभग 20 हजार स्क्वायर फिट था और निर्माण लगभग 10 हजार स्क्वायर फिट में हुआ था।  कुछ महीनों में वे इस घर में रहने के लिए जाने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही छतरपुर पत्थरबाजी की घटना हो गई। जिसके बाद उनके अरमान इस घर के साथ मिट्टी में मिल गए।

यह है पूरा मामला

महाराष्ट्र के महंत रामगिरी महाराज ने धर्म विशेष पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद समुदाय के लोग कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे। जिसको लेकर लगभग 500-600 लोग थाने के बाहर इकट्ठे हो गए और जमकर नारेबाजी करने लगे थे। कुछ देर बाद मामला बिगड़ता देख मौके पर एडिशनल एसपी विक्रम सिंह परिहार और एडीएम मलिंद नागदेव पहुंच गए और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को थाने से बाहर कर दिया। जिसके बाद भीड़ गुस्सा गई और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। घटना में सिपाही भूपेंद्र प्रजापति, ASF का जवान राजेंद्र चढ़ार एवं TI अरविंद कुजूर गंभीर रूप से घायल हो गए। 

प्रशासन ने तत्काल एक्शन लेते हुए ताबड़तोड़ कार्रवाई के दौरान कांग्रेस नेता और आरोपी हाजी शहजाद अली के आलीशान महल को मिट्टी में मिला दिया गया था। इसकी अनुमानित कीमत पांच करोड़ रुपए से अधिक है। यही नहीं, घर तोड़ने के दौरान वहां खड़ी गाड़ियों को भी चकनाचूर कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि हाजी शहजाद अली कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष भी रहा है। उसके घर में खड़ी एक गाड़ी पर उपाध्यक्ष का प्लेट भी लगा हुआ था। 

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