हेमंत शर्मा, इंदौर। अपराध करने के बाद आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है। लेकिन इंदौर में बाणगंगा इलाके में गाड़ियों के कांच तोड़ने की घटनाओं में शामिल चार आरोपियों को इंदौर पुलिस कोर्ट ने एक अनोखी सजा सुनाई है। धर्मेंद्र, जितेंद्र, दीपांशु, और निलेश नाम के इन चारों आरोपियों को अब हर शनिवार शाम 6:00 बजे से 9:00 बजे तक रोबोट चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्था संभालने का जिम्मा दिया गया है।
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कोर्ट ने इस सजा के साथ यह भी आदेश दिया है कि ये आरोपी एक साल तक किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करेंगे। आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने नशे की हालत में इस वारदात को अंजाम दिया था, लेकिन उनके खिलाफ पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होने के कारण यह अनोखी सजा दी गई है।
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मामले पर एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच, राजेश दंडोतिया ने बताया कि इन युवकों की हरकत से कई वाहन मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां उन्हें यह विशेष सजा दी गई। पुलिस का कहना है कि इस सजा का उद्देश्य आरोपियों को सही रास्ते पर लाना और उन्हें समाज के लिए जिम्मेदार नागरिक बनाना है।
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