हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव के कार्यकाल के दो वर्षों को इंदौर के लिए बदहाली का दौर करार दिया है। उन्होंने कहा कि इंदौर, जो कभी स्मार्ट सिटी के रूप में नंबर वन था, अब नगर निगम की लापरवाही के कारण बदहाल शहरों की सूची में पहले स्थान पर आ गया है।

कल हुई तेज बारिश के बाद शहर की सड़कों पर जलजमाव और यातायात जाम जैसी समस्याओं का सामना करने वाली जनता ने जो असुविधा झेली, उसके लिए चौकसे ने सीधे तौर पर नगर निगम और महापौर को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बारिश का मौसम शुरू होने से पहले नालों की सफाई नहीं की गई और सड़कों के गड्ढों को भी नहीं भरा गया। चौकसे ने बताया कि पहले 5 से 7 इंच बारिश होने पर भी शहर में जलजमाव की स्थिति नहीं बनती थी, लेकिन अब सिर्फ 1.5 से 2 इंच बारिश के बाद ही सड़कों पर पानी भर जाता है।

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चौकसे ने कहा कि कल की बारिश ने यह साबित कर दिया कि नगर निगम की तैयारियां केवल कागजों तक ही सीमित हैं। उन्होंने नगर निगम के 2000 करोड़ रुपये के नाला टैपिंग प्रोजेक्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना का कोई ठोस नतीजा नहीं दिखा है, और अब तक इस पर हुए खर्च की जांच भी नहीं हो पाई है।

उन्होंने महापौर पुष्यमित्र भार्गव और प्रदेश सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि नगर निगम के पास पर्याप्त संसाधन और समर्थन नहीं होने के बावजूद महापौर ने इंदौर के अधिकारों के लिए कोई आवाज नहीं उठाई। चौकसे ने कहा कि यह स्थिति इंदौर की जनता के लिए बेहद शर्मनाक है, जहां उनका चुना हुआ महापौर शहर की बदहाली के बावजूद खामोश बना रहता है।

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यातायात जाम पर बात करते हुए चौकसे ने कहा कि जब बारिश के बाद पूरा शहर जाम से जूझ रहा था, तब महापौर के दावे किए गए 1000 ट्रैफिक मित्र और स्वयं महापौर कहीं नजर नहीं आए। चौकसे ने यह भी कहा कि यह पूरा मामला भाजपा की प्रदेश सरकार की नाकामी को दर्शाता है, जो अब पूरे सिस्टम का हिस्सा बन चुकी है।

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