नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल से बड़ी सामने आई है। जहां पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज प्रभाकर और उनके बेटे रोहन प्रभाकर के थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया गया है। यह FIR यूपी के रहने वाले नीरज कुमार शुक्ल ने दर्ज करवाई है।

ये है पूरा मामला

फरियादी नीरज ने कोतवाली थाने में बताया कि वह लखनऊ स्थित रकाबगंज में एनएस सेल्स नाम से फर्म संचालित करते हैं। 1 जुलाई 2017 को पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर की न्यू दिल्ली स्थित कंपनी नेचुरेंस रिसर्च लैब प्राइवेट लिमिटेड ने उसके साथ सुपर डिस्ट्रीब्यूटर एग्रीमेंट किया था। कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज प्रभाकर ने उन्हें पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश एरिया में काम करने के लिए अधिकृत किया था।

बिक गई फैक्ट्री

कंपनी की ओर से जो माल भेजा गया, उसका पूरा भुगतान किया जा चुका है। फरियादी की मानें तो कंपनी ने दिसंबर 2023 को बैठक बुलाकर सारे सेल्स स्टाफ को निकाल दिया। कंपनी से बात करने पर बताया गया कि नई टीम रखकर काम कराया जाएगा। इसी बीच जानकारी मिली कि फरवरी में नेचुरेंस हर्बल रुद्रपुर की फैक्ट्री बिक गई है। इस पर कंपनी के कर्मचारियों ने मनोज प्रभाकर और उनके बेटे रोहन प्रभाकर को कई बार फोन किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

धोखाधड़ी का मामला दर्ज

फरियादी का कहना है कि उसके पास नेचुरेंस हर्बल का स्टाक 3,21,601 रुपए, नेचुरेंस रिसर्च लैब प्रा.लि. का स्टाक 2,78,938, डिस्ट्रीब्यूटरों के रिप्लेसमेंट स्टाक 1,53,920 रुपए और बाजार में डिस्ट्रीब्यूटर उधारी 3,90,227 रुपए है। इस प्रकार कंपनी के कार्य में 11.44 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। फरियादी ने रकम की भरपाई की मांग की है। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में पूर्व क्रिकेटर और उनके बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।