Reliance Disney Merger Deal: डिज्नी-रिलायंस ने अपने 71,250 करोड़ रुपये के मीडिया विलय सौदे के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी लेने के प्रयास में कुछ रियायतों की घोषणा की है। हालांकि, ये कंपनियां क्रिकेट प्रसारण अधिकार बेचने के लिए तैयार नहीं हैं, जिन्हें इस सौदे का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।

सीसीआई ने इस सप्ताह चिंता जताई थी कि दोनों कंपनियों के विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी भारत में टीवी और स्ट्रीमिंग के लिए क्रिकेट के अधिकांश अधिकारों को नियंत्रित कर सकती है, जिससे विज्ञापनदाताओं को नुकसान हो सकता है।

इसके जवाब में कंपनियों ने विज्ञापन दर में बेवजह वृद्धि न करने का प्रस्ताव रखा। हालांकि, कंपनियों ने किसी खास अवधि के लिए विज्ञापन दर को स्थिर रखने का वादा नहीं किया है।

कंपनियों का मानना ​​है कि उन्होंने क्रिकेट अधिकारों पर करीब 80 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, इसलिए वे इन्हें छोड़ना नहीं चाहती हैं। सीसीआई अब इन नए प्रस्तावों की समीक्षा करेगी और देखेगी कि क्या ये रियायतें प्रतिस्पर्धा संबंधी चिंताओं को कम करने के लिए पर्याप्त हैं या फिर और गहन जांच की जरूरत है।

सीसीआई पहले ही रिलायंस और डिज्नी से विलय से जुड़े करीब 100 सवाल पूछ चुकी है। कंपनियों ने पहले ही सीसीआई को बता दिया है कि वे बाजार की ताकत से जुड़ी चिंताओं को कम करने और जल्दी मंजूरी पाने के लिए करीब 10 टीवी चैनल बेचने को तैयार हैं।

विलय के बाद 120 चैनल, विज्ञापन बाजार में 40% हिस्सेदारी

पिछले कुछ सालों में दोनों कंपनियों ने अपने कुछ स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर क्रिकेट मैच मुफ्त में दिखाकर यूजर्स को आकर्षित किया है। रिलायंस-डिज्नी का लक्ष्य भारत की सबसे बड़ी मनोरंजन कंपनी बनना है, जो सोनी, नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसी कंपनियों से मुकाबला करेगी।

उनके विलय से बनने वाली नई इकाई में 120 टीवी चैनल और दो स्ट्रीमिंग सेवाएं शामिल होंगी। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का कहना है कि डिज्नी और रिलायंस के संयुक्त उद्यम की टीवी और स्ट्रीमिंग सेगमेंट के विज्ञापन बाजार में 40% हिस्सेदारी होगी।

रिलायंस भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी है

रिलायंस भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी है, जिसका बाजार पूंजीकरण 20,29710.68 करोड़ रुपये है। रिलायंस वर्तमान में हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और उत्पादन, पेट्रोलियम शोधन और विपणन, पेट्रोकेमिकल्स, उन्नत सामग्री और कंपोजिट, अक्षय ऊर्जा (सौर और हाइड्रोजन), डिजिटल सेवाओं और खुदरा क्षेत्रों में काम करती है।