अनिल सक्सेना, रायसेन। रायसेन के सांची रोड स्थित कौड़ी मोरी पर धान फैक्ट्री की लापरवाही के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले दो-तीन दिनों से फैक्ट्री द्वारा केमिकल युक्त जहरीला पानी खेतों में छोड़ने से हजारों एकड़ में फैली धान और सोयाबीन की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। किसानों ने इस मामले की शिकायत तहसीलदार कार्यालय रायसेन में की है।

किसानों का कहना है कि, धान मिल द्वारा छोड़े गए गंदे पानी से उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। तहसीलदार ने इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है और कहा है कि जल्द ही जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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धान मिल के प्रबंधक राठी ने इस मामले को लेकर ध्यान नहीं दिया और किसानों की शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया। उनका दावा है कि उनके ऊंचे राजनीतिक संपर्क हैं और कोई भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। जब मीडिया कर्मियों ने पूछा कि क्या मिल चालू है, तो उन्होंने कहा कि मिल बंद है, जबकि मौके पर मिल की दोनों चिमनियों से जहरीला धुआं निकल रहा था।

यह पहली बार नहीं है जब किसानों को इस तरह के नुकसान का सामना करना पड़ा हो। पिछले साल भी इसी धान मिल के कैमिकल युक्त पानी की वजह से किसानों की खरीफ और रबी सीजन की फसलें बर्बाद हो गई थीं।

शनिवार को भी सुबह फैक्ट्री ने लापरवाही करते हुए केमिकल युक्त जहरीला पानी छोड़ दिया, जिससे किसानों में भारी आक्रोश फैल गया। किसानों का कहना है कि फैक्ट्री की चिमनी से निकलने वाला काला धुआं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य और फसलों पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

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किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि धान मिल प्रबंधन द्वारा पानी निकासी के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन किसानों के हित में क्या कदम उठाता है।

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