बिलासपुर. श्री नारायणा हॉस्पिटल में आज एक 5 वर्षीय बच्चे की फेफड़े की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई. 5 साल के रौनक को पिछले 15 दिनों से तेज बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई की शिकायत थी. 2-3 अस्पतालों में इलाज के बावजूद उसे राहत नहीं मिली. आखिर में देवेंद्र नगर, रायपुर स्थितनारायणा हॉस्पिटल में चेस्ट फिजिशियन डॉ. अमोल धुड़े और पीडियाट्रीशियन डॉ. अंकिता पटेल ने बच्चे की जांच की. डॉक्टरों की जांच में पता चला कि बच्चा Empyma with Entrapped Lung से पीड़ित है. जिसके बाद दूरबीन तकनिक से जटिल सर्जरी कर उसका इलाज किया.

जांच में पाए गए गंभीर हालात

जांच के दौरान पता चला कि उसके बाएं फेफड़े में ढेर सारा पस जमा हुआ है, जिसकी वजह से बच्चे का बॉंया फेफड़ा काम ही नहीं कर पा रहा था, अत:सबसे पहले उसकी छाती में बाई तरफ नली डालकर सक्शन मशीन से पस निकालने की कोशिश की गई, परंतु काफी समय तक फेफड़े में पस जमा रहने के कारण वहां पर पस की एक मोटी सी परत जम गई थी, जिसकी वजह से सांस भरते समय फेफड़ा फूलता ही नहीं था, मेडिकल टर्म में इस बीमारी को Empyma with Entrapped Lung बोला जाता है, जिसकी सर्जरी सामान्यतया छाती में बड़ा सा चीरा लगाकर की जाती है.

श्री नारायणा हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ.तन्मय मोतीवाला एवं कार्डियो थोरोसिक एवं वैस्कुलर सर्जन डॉ.पीयूष केशरवानी ने यह ऑपरेशन दूरबीन द्वारा 5 मिली मीटर के छोटे से चीरे द्वारा किया, पस की इनफेक्टेड परत को इस तकनीक से निकलने पर फेफड़ा वापस पुनः फूलने लगा, हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ सुनील खेमका ने कहा कि “बच्चों में दूरबीन द्वारा सर्जरी करने से छोटा सा ही चीरा लगाया जाता है एवं ऑपरेशन के बाद उन्हें दर्द भी कम होता है तथा हॉस्पिटल स्टे भी कम रहता है,जनरली रायपुर में इस तरह के ऑपरेशन इतने छोटे बच्चों में नहीं होते हैं, लेकिन इस नई टेक्नीक से ऑपरेशन करने की सुविधा अब श्री नारायणा हॉस्पिटल में उपलब्ध है,”

इस तकनीक से मरीज की रिकवरी जल्दी हो गई और उसे पांचवे दिन पूर्ण स्वस्थ्य अवस्था में हास्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया. बच्चे की मां ने डॉक्टर्स की टीम को धन्यवाद देते हुए अपना आभार व्यक्त किया.