चंडीगढ़: पंजाब के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी जल्द ही समाप्त हो सकती है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने चार साल के बाद मेडिकल अफसरों की नियमित भर्ती शुरू कर दी है. इस भर्ती प्रक्रिया को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. यूनिवर्सिटी ने इस बारे में नोटिस जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि इच्छुक उम्मीदवार 4 सितंबर तक यूनिवर्सिटी की वेबसाइट www.bfuhs.ac.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद 8 सितंबर को परीक्षा आयोजित की जाएगी, और परिणामों के आधार पर सफल उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी.
गौरतलब है कि आखिरी बार इस तरह की भर्ती 2020 में हुई थी. वर्तमान में विभाग में स्वीकृत 2293 पदों में से लगभग 1000 पद खाली हैं, जिसके चलते जिला अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों पर अत्यधिक काम का बोझ है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने यूनिवर्सिटी को 400 पदों पर मेडिकल अफसरों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के लिए लिखा था. लुधियाना में 157 स्वीकृत पदों में से केवल 80 मेडिकल अफसर काम कर रहे हैं. इसी तरह तरनतारन और बठिंडा में भी कई पद खाली हैं. इस कमी को पूरा करने के लिए पहले चरण में 400 पदों पर भर्ती की जा रही है, जबकि शेष पदों पर भर्ती को लेकर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.
इसके अलावा, 3 सितंबर को होने वाले वॉक-इन इंटरव्यू में माइक्रोबायोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, रेडियो-डायग्नोसिस, जनरल मेडिसिन, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, फार्माकोलॉजी, जनरल सर्जरी, स्किन, बायोकैमिस्ट्री, एनाटॉमी आदि विभागों में 60 पद भरे जाएंगे. सुपर स्पेशलिटी के लिए डीएम व एमसीएच और अन्य स्पेशलिटी के लिए एमडी, एमएस आवेदन कर सकते हैं.
अस्पताल में है स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी
सरकार को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि भर्ती के बाद कई डॉक्टर जल्द ही निजी क्षेत्र में चले जाते हैं. पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने सरकार पर लंबे समय से दबाव डाला हुआ है. एसोसिएशन के प्रधान डॉ. अखिल सरीन का कहना है कि सरकार का यह कदम सराहनीय है, लेकिन वह यह भी मांग करते हैं कि हर साल डॉक्टरों के खाली पड़े पदों पर भर्ती की जानी चाहिए.