पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित ओम पर्वत से ‘ॐ’ का चिन्ह गायब हो गया है। इस घटना ने लोगों को हैरत में डाल दिया है। यह चिन्ह प्राकृतिक रूप से बना था। लोगों का मानना है कि यह प्राकृतिक कारणों से हुआ होगा, जबकि कुछ लोग इसमें मानव हस्तक्षेप होने की बात कह रहे हैं। ओम पर्वत और इसका ओम का चिन्ह राज्य की संस्कृति और धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोगों ने इस घटना की जांच की मांग की है और ओम के चिन्ह को बहाल करने के लिए कहा है। वहीं अब सरकार ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही ओम का चिन्ह फिर से अपने स्थान पर होगा।

बर्फ पिघलने से गायब हुआ ॐ चिंह

दरअसल, ओम पर्वत की बर्फ पिघलने से ॐ चिंह गायब हो गया है। अब वहां महज काला पहाड़ नजर आ रहा है। पर्यावरणविद और स्थानीय लोग वैश्विक तापमान में वृद्धि और उच्च हिमालयी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। एक दशक पहले तक ओम पर्वत और इसके आसपास की पहाड़ियां साल भर बर्फ से ढ़की रहती थी, लेकिन वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी के कारण अब उच्च हिमालयी क्षेत्र की बर्फ भी तेजी से पिघलने लगी है।

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5,900 मीटर की ऊंचाई पर है पर्वत

हाल के सालों में शीतकाल में कम हिमपात के कारण तापमान बढ़ते ही ग्लेशियरों की बर्फ पिघलने लगती है। इस साल ओम पर्वत की बर्फ पिघलने से ओम भी गायब हो गया है। बता दें की ओम पर्वत पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील की व्यास घाटी में स्थित ओम पर्वत 5,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित नाभीढांग से ओम पर्वत के दर्शन होते हैं ये आस्था का केंद्र भी है।

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