कुमार इंदर, जबलपुर। किसी के घर में नन्हा मेहमान आने पर घर-परिवार में खुशियों का आलम होता है। एक-दूसरे को बधाई दी जाती है। लोगों का मुंह मीठा किया जाता है। लेकिन जबलपुर में माजरा उल्टा नजर आया। घर में जैसे ही बच्चे की किलकारी गूंजी, वैसे ही पुलिस ने दस्तक दे दी। खाकी को देखते ही परिजनों के होश उड़ गए। इसके बाद दंपत्ति के सास-ससुर समेत पूरे परिवार पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया।

आधार कार्ड ने पहुंचाया जेल 

दरअसल, मामला नवविवाहिता के प्रसव से जुड़ा हुआ है। नाबालिग नवविवाहिता का मझौली के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव हुआ। जैसे ही रिकॉर्ड के लिए आधारकार्ड मांगा गया, डॉक्टर्स के होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि उसकी उम्र महज 16 साल निकली। तत्काल मामले की सूचना मझौली पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।

डेढ़ साल पहले हुआ था विवाह

मझौली निवासी नाबालिग किशोरी का विवाह डेढ़ साल पहले 23 वर्ष के युवक से हुआ था। उस दौरान उसकी उम्र महज 15 साल थी। जहां दोनों ने मिलकर परिवार की सहमति से शादी की थी। कुछ दिन पहले ही वह अपने पति के साथ डिलीवरी कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी। जिसके बाद भांडा फूट गया और उन पर कार्रवाई हो गई। 

किशोरी के पति मां-बाप सहित दो पर FIR

थाना प्रभारी जेपी द्विवेदी ने बताया कि उन्हें अस्पताल से एक नाबालिग के प्रसव की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंच कर परिजनों से पूछताछ की। इस दौरान बाल विवाह की बात स्वीकार की। लिहाजा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम और पॉक्सो एक्ट का मामला पंजीबद्ध कर लिया गया। जिसमें नाबालिग के माता-पिता, पति और सास ससुर को आरोपी बनाया गया। 

गौरतलब है कि इसके पहले भी मझौली में इसी तरीके का मामला सामने आया था। जहां 15 साल 6 महीने की उम्र की एक किशोरी गर्भवती मिली थी। शासन लगातार बाल विवाह रोकने के प्रयास कर रहा है। लेकिन फिर भी परिजन बच्चों की शादी कम उम्र में कराकर कानून का मजाक उड़ा रहे हैं। दूसरा उन बच्चों के सपने को कुचल रहे हैं, जो आगे पढ़-लिखकर कुछ करने की कोशिश करना चाहते हैं। अब देखना होगा कि यह प्रथा आखिर कब खत्म होगी। 

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