रणधीर परमार, छतरपुर। आज के वैज्ञानिक युग में भारत ने चांद पर कदम रख लिया है। दूसरे ग्रहों की खोज की जा रही है। AI जैसी तकनीक आने से एक नई क्रान्ति का उदय हुआ है। लेकिन फिर भी भूत-प्रेत के नाम पर अंधविश्वास फैलाया जा रहा है। इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के छतरपुर से, जहां आत्माओं के नाम पर लोग इतना डर गए कि पूरा का पूरा गांव ही खाली हो गया। जिस जगह 150 से 200 लोग रहते थे, उसे एक-एक कर लोग छोड़ने लगे। जिसकी वजह से अब यह पूरी तरह खंडहर हो गया है। यहां पर सिर्फ 2 लोग रहते हैं।

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पूरे गांव में बचे सिर्फ 2 बुजुर्ग 

दरअसल, जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर चौका गांव के लोगों ने आत्माओं के डर से अपना घर छोड़ दिया। यहां किसी की तबीयत खराब हुई और इसके बाद अंधविश्वास में लोगों ने एक-एक कर गांव खाली कर दिया। नतीजा यह है कि 200 लोगो के गांव में अब सिर्फ 2 लोग रहते हैं। 60 साल के आत्मा राम तिवारी और 80 साल की बुजुर्ग महिला दुर्जन राजा अपने-अपने घर में अकेले रहते हैं और इसी गांव में रात गुजारते हैं।

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यह गांव जंगलों के बीच ओर कटारा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां कुछ लोगों की तबीयत खराब हुई तो गांव में भूत-प्रेत होने की अफवाह फैल गई। जिसके कारण कुछ परिवारों ने गांव से 1 किलोमीटर मुख्य मार्ग पर घर बना लिए। जबकि कुछ ने सुविधाएं न होने के कारण गांव छोड़ दिया।

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 मोदी जी की योजना के पैसे मिले तो गांव छोड़ दिया 

80 साल की बुजुर्ग महिला दुर्जन राजा का कहना है कि हमारी जब से शादी हुई है, तब से हम यहां रहते हैं। हमारे बच्चों का स्वर्गवास हो गया। यहां एक को भूत लगे तो सबने छोड़ दिया गांव। कुछ को मोदी जी की योजना के मिले पैसे तो रोड पर मकान बनवा लिए।

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हमें कभी नहीं हुई परेशानी

बुजुर्ग आत्मा राम तिवारी ने बताया कि हमारा जब से जन्म हुआ, तब से यहां रहते हैं और हमारा परिवार भी। गांव के लोगो ने जमीन-जायदात ओर भूतों के डर से गांव छोड़ दिया। हम यहीं रहते हैं और हमें कभी कोई परेशानी नहीं हुई। इसके अलावा न कभी कोई दिखा।

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गांव में खजाना है, जिसे मिला उसकी तबीयत खराब हुई 

एक अन्य शख्स रामस्वरूप का कहना है कि गांव में खजाना है। यह गांव के जिस इंसान को मिला, उसकी तबीयत खराब हो गई। उसके बाद बड़े-बड़े देवताओं ने कहा, यहां से चले जाओ। इसलिए लोगो ने गांव खाली कर दिया और सभी ने रोड पर मकान बनवा लिए।

जहां रौशनी नहीं, वहां हो जाता है नेगेटिव एनर्जी का वास 

जिस मकान में कई दिनों तक रोशनी न रहे, वहां नेगेटिव एनर्जियों का वास हो जाता है। लेकिन जब हमनें मौके पर रह कर देखा कि यहां के मकान तो अब खंडर हो चुके हैं। लोगों ने अफवाहों के चलते गांव खाली कर दिया है। यहां रह रहे दुर्जन राजा ओर आत्माराम तिवारी को कभी भी कोई परेशानी नहीं हुई।

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