विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश भाजपा उपचुनाव में भाजपा फूंक-फूंककर कदम रख रही है. ऐसे में जातीय समीकरण के साथ स्थानीय माहौल को भी तवज्जों दिया जा रहा है. समाजवादी पार्टी की तरफ जातीय बहुलता के आधार पर मिल्कीपुर विधानसभा में पासी वर्ग के उम्मीदवार घोषित किया है, लेकिन भाजपा अभी जातिगत समीकरण को अपने पक्ष में करने के लिए समय ले रही है. माना जा रहा है कि भाजपा भी पासी वर्ग के उम्मीदवार पर ही दांव खेल सकती है, जिस पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मंथन कर रहा है.
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बता दें कि 2007 से लेकर अब तक लोकसभा और विधानसभा की 80 सीट्स पर उपचुनाव हुए हैं, जिसमें भाजपा की स्थिति बहुत बेहतर नहीं रही है. हालांकि, अभी तक इन हुए चुनावों में सत्ताधारी दल का सक्सेस रेट 64 फीसदी रहा है. जिसमें बसपा बाज़ी मरती रही है. सक्सेस रेट पर दूसरे नम्बर पर समाजवादी पार्टी 19 प्रतिशत के साथ मौजूद है, जबकि भाजपा को यहां पर नुकसान होता दिखाई देता है.
हर सीट के अलग समीकरण
उपचुनाव में जीत हार का समीकरण उस सीट पर निर्धारित वोटर्स के लिहाज से होता है, जबकि सीट जीतने की ज़्यादा सम्भावनाएं सत्ताधारी दल की ही होती है. समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर से वर्तमान सांसद अयोध्या और पूर्व विधायक मिल्कीपुर विधानसभा के पुत्र को टिकट दे दिया है, जो कि पासी समाज से आते हैं. ऐसे में इस समाज के लोग इन 10 सीट में लगभग आधी सीट पर अपना प्रभाव रखते हैं.
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