आशुतोष तिवारी, बस्तर। बस्तर से माओवादियों (Maoists) के खात्मे के लिए सरकार जिस तरह से समयबद्ध योजना पर काम कर रही है. इस कार्रवाई से बौखलाए नक्सली (Naxalite) निर्दोष ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं. मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों की निर्मम हत्या (brutal murder) की जा रही है. वर्ष 2024 की शुरुआत से अब तक 16 ग्रामीणों की हत्या हो चुकी है. इसमें विशेष तौर पर दक्षिण बस्तर में सिलसिले वार कई घटनाएं सामने आ रही हैं.

नारायणपुर और कांकेर क्षेत्र में भी जिस तरह पुलिस ने सफल ऑपरेशन किये और कई माओवादियों को मार गिराया. इसके बाद भी नक्सलियों ने घटनास्थल के नजदीक पुलिस मुखबिरी की आशंका में ग्रामीणों की हत्या कर दी. बीते रविवार को ही भैरमगढ़ के जैगुर के जंगल में नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर ग्रामीण से पूछताछ की और भैरमगढ़ एरिया कमेटी के नक्सलियों ने लांजा पूनम की हत्या कर दी. हत्या के बाद दहशत फैलाने के लिए माओवादी पर्चे फेंक कर शव को सड़कों पर छोड़ देते हैं. इतना ही नहीं मुखबिरी के साथ में नक्सलियों ने अपने ही नक्सली संगठन में 5 साल से शामिल नक्सली लीडर की भी हत्या की है. सिलसिलेवार बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है. जैसे-जैसे पुलिस नेटवर्क का इस्तेमाल कर नक्सलियों के कैंपों के नजदीक पहुंचकर सफल ऑपरेशन कर रही है वैसे-वैसे ग्रामीण क्षेत्र में हत्याओं से दहशत बढ़ी है.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि वर्ष 2024 में अबतक लगभग 16 निर्दोष ग्रमीणों की अलग-अलग आरोप लगाकर हत्या की गई थी. यह उनकी कमजोरी की एक निशानी है. इसी वजह से उनकी संगठन का बहुत जल्दी खात्मा भी होगा.