मध्य प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का महत्व बढ़ता जा रहा है, और इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने इसे कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के 55 जिलों के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस और 13 शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों में AI के दो नए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।

उच्च शिक्षा में AI का समावेश


उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी धीरेंद्र शुक्ला ने जानकारी दी कि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार राज्य के छात्रों को AI के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिए ये कदम उठाया गया है। इन कोर्सों के माध्यम से छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फिनटेक विथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने का मौका मिलेगा।

पूरी तरह निशुल्क


इस पाठ्यक्रम की खास बात यह है कि यह पूरी तरह से निशुल्क होगा, हालांकि छात्रों को प्रवेश के लिए एक परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। परीक्षा में सफल छात्रों को पाठ्यक्रम में प्रवेश मिलेगा। छात्रों को केवल कौशल मनी के तौर पर 1000 रुपए जमा करने होंगे।

रोजगार के नए अवसर


यह कोर्स छात्रों को न केवल AI के बढ़ते उपयोग के प्रति जागरूक करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। पाठ्यक्रम का समय 90 घंटे का रखा गया है, और छात्र इसमें से किसी एक कोर्स का चयन कर सकते हैं।

आईआईटी दिल्ली का सहयोग


इस पाठ्यक्रम को आईआईटी दिल्ली के सहयोग से संचालित किया जाएगा, जिससे इसकी गुणवत्ता और प्रभावशीलता में वृद्धि होगी। हालांकि, पाठ्यक्रम की शुरुआत में प्रत्येक महाविद्यालय में सीटों की संख्या सीमित रहेगी। प्रत्येक कोर्स में सिर्फ 8 सीटें ही उपलब्ध होंगी।

जानें कब होगा पाठ्यक्रम का शुभारंभ


उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस पाठ्यक्रम को प्रदेश के सभी जिलों में लागू करने में 1 से 2 महीने का समय लग सकता है। हालांकि, विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं और इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश में AI के प्रति बढ़ती रुचि और सरकारी समर्थन के साथ, यह कोर्स छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है, जो उन्हें भविष्य में नए और उभरते हुए क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होगा।

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