Social Media Star’s of Chhattisgarh Singer Nitin Dubey: प्रतीक चौहान. मैं काफी निराश हो गया था. मैंने सुसाइड करने की ठानी और मैं पहाड़ी हनुमान मंदिर में पहुंच गया… सोचा मौत को गले लगाने से पहले पूजा-पाठ कर लूं और मैंने यहां अंतिम बार हनुमान चालीसा का पाठ करने की सोची… बस यहां मंदिर में मिले प्रोत्साहन ने मेरी जिंदगी बदल दी और मैं सिंगर बन गया. यह कहना है छत्तीसगढ़ के नामी सिंगर और भजन गायक के साथ-साथ एक्टर Social Media Star’s of Chhattisgarh Singer  Nitin Dubey का.

लल्लूराम डॉट कॉम से उन्होंने खास बातचीत की और ये बताने से पहले उन्होंने युवाओं से ये अपील की कि सुसाइड कोई समाधान नहीं है और आज का युवा संघर्ष करें और सुसाइड जैसा कोई भी गंभीर कदम जीवन में मिलने वाली किसी भी प्रकार की हार के बाद न उठाएं. Nitin Dubey कहते है कि वे बजपन से सिंगर नहीं बल्कि डॉक्टर बनना चाहते थे. स्कूल में वे गिफ्ट मिलने की लालच में किशोर कुमार के गाने गाया करते थे. उन्होंने अपने स्कूलिंग के दौरान इंटर स्टेट चैंपियनशिप जीती और उनके गुरू स्व. गुलाब राम चौहान ने उन्हें संगीत का बेसिक ज्ञान सिखाया.

17 घंटे पढ़ाई करने के बाद भी नहीं हुआ सलेक्शन

स्कूलिंग के सिंगर नितिन दुबे ने भिलाई में मेडिकल की पढ़ाई के लिए कोचिंग ली और 17-17 घंटे तक की पढ़ाई करने के बाद जब नतीजा आया तो वे कुछ नंबरों से चूक गए थे. इसके बाद उनका वेटनरी की पढ़ाई करने के लिए सलेक्शन हुआ. लेकिन वो MBBS डॉक्टर बनना चाहते थे. जिसके बाद उनके मन में सुसाइड का ख्याल आया और वे अपने घर रायगढ़ में स्थित पहाड़ी हनुमान मंदिर पहुंचे.

जहां उनके मन में ये ख्याल आया कि अब वे अंतिम बार हनुमान चालीसा का पाठ कर लेते है. जहां उनके भजन को काफी सराहना मिली और उन्हें लगा कि नहीं… सुसाइड कोई समाधान नहीं है और यहां से उनके सिंगर बनने की Journey शुरू हुई. आपको बता दें कि आज छत्तीसगढ़ समेत 115 देशों में Nitin Dubey की फैंस फॉलोविंग है और यू-ट्यूब में उनके 1.2 मिलियन फॉलोवर्स है और बतौर सिंगर 451 मिलियन उनके यू-ट्यूब चैनल की व्यूवरशिप है. उन्होंने Youtube Golden Play Button मिल चुका है. Instagram में उनके 237K Followers है.

मुंह में कपड़ा बांधकर Bike में जाते थे कैसेट बेचने

Singer Nitin Dubey  कहते है कि शुरूआती दिनों में जब उन्होंने अपनी म्यूजिक कंपनी शुरू की. तो काफी संघर्ष देखे. बड़े म्यूजिक घरानों के लिए वो नए सिंगर थे. इसलिए उन्हें अपने गाए गानों के लिए जो नेम और फेम मिलना चाहिए रहता था वो नहीं मिलता था. यही कारण है कि उन्होंने म्यूजिक कंपनी शुरू की और खुद ही इसकी मार्केटिंग करने के लिए बाईक से मुंह में कपड़ा बांधकर जाया करते थे. वो कहते है कि आज भी उन्हें याद है कि वे पत्थलगांव गए थे.

वो दिन 11 मई का था. जब उनकी एक भी कैसेट नहीं बिकी. उनके साथ जो उनका सहयोगी था उसे भुख लगी थी, जिसके बाद उन्होंने कहा कि 2-3 कैसेट बिकती है तो अपन कुछ खाते है. वें पत्थलगांव में Avon cassette नाम की एक मशहूर दुकान पर पहुंचे और उन्होंने पानी पीने के लिए अपने मुंह में बांधे रूमाल को उतारा. जिसके बाद दुकानदार उन्हें पहचान गए. इसके बाद  Singer Nitin Dubey ने उनसे कैसेट खरीदने का अनुरोध करते हुए अपनी एल्बम के बारे में बताया. वो एल्बम उन्हें इतनी पसंद आई कि दुकानदार ने उनसे उनके पास रखी 800 कैसेट खरीद ली और उनके घर में रखी 10 हजार और कैसेट को भी भेजने की बात कही.

वे कहते है कि अपनी म्यूजिक कंपनी शुरू करने के लिए उन्होंने 25 हजार रूपए ब्यॉज में लिए जिसका ब्यॉज उन्होंने 6 महीने तक दिया.

लेकिन अभी करियर का मास्टर स्ट्रोक बचा था

म्यूजिक एल्बम में कुछ वर्षों तक काम करने के बाद उन्होंने भजन गाना शुरू किया. इसके बाद छत्तीसगढ़ी गाने गाने उन्होंने थोड़े कम कर दिए. क्योंकि वे भजन गाने के लिए प्रदेश के बाहर ज्यादा जाने लगे थे. लेकिन भोरमदेव महोत्सव के दौरान ऐसा कुछ हुआ जिसे वे अपने इस करियर का मास्टर स्ट्रोक मानते है.

वे कहते है कि भोरमदेव महोत्सव में 2018 में उन्होंने भजन कैटेगिरी से अपनी प्रस्तुति दी. लेकिन इसी दौरान भजन खत्म होने के बाद वे वहीं मौजूद थे. तभी एक  बुढ़ी दाई वहां पहुंची जो उनके छत्तीसगढ़ी गानों को खूब पसंद किया करती थी. उन्होंने Singer Nitin Dubey से कहा कि वो छत्तीसगढ़ी में गाना क्यों नहीं गा रहे है. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि भजन की व्यस्तता के कारण वे अभी छत्तीसगढ़ी गाना नहीं गा रहे है और उन्होंने ये भी कहा कि इसमें पैसे भी काफी कम मिलते है, ये भी एक कारण है.

उस बुढ़ी दाई ने इसके बाद Singer Nitin Dubey से जो कहा उस लाईन ने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी. बुढ़ी दाई ने उनसे कहा कि तोर दाई के अगर लुगरा फटे हे… अऊ दूसर के लुगरा अच्छा हे… एकर मतलब ए थोड़ी हे के वो तोर दाई हो जाही.

यानी उनके कहने का मतलब था कि यदि छत्तीसगढ़ी इंस्ट्री में यदि नेम और फेम नहीं है तो इसका ये मतलब थोड़ी है कि वो अपनी जन्म और कर्म भूमि छत्तीसगढ़ को छोड़कर दूसरे प्रदेशों में जाकर वहां की संस्कृति को बढ़ाए. बस इसके बाद उन्होंने पुनः छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री की ओर अपना रूख किया और इसके बाद उन्होंने आज तक कभी पीछे पलटकर नहीं देखा.

वे कहते है कि भविष्य में वे ऐसे लोगों को जरूर सपोर्ट करना चाहते है जिनमें सिंगिंग का टैलेंट है और उन्हें कोई प्लेटफार्म नहीं मिल रहा हो.

यदि आप भी अपने आप को Social Media Star’s of Chhattisgarh मानते है… या ऐसे किसी सोशल मीडिया स्टार को जानते है जिसके संघर्ष की कहानी लोगों के सामने लाना चाहते है तो अपनी कहानी हमसे 9329111133 पर संपर्क कर सकते है या हमारे सोशल मीडिया पेज में हमें मैसेज कर सकते है.