लखनऊ। योगी कैबिनेट ने आज (27 अगस्त) बड़ा फैसला लेते हुए 23 साल बाद प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि का निर्णय लिया है। योगी सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बढ़ाने का फैसला लिया है। इससे पहले आखिरी बार 2001 में छात्रवृत्ति तय हुई थी।
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अब इतनी मिलेगी स्कॉलरशिप
प्रदेश में कक्षा 6 और 7 के लिए 50 रुपए और कक्षा 8 के लिए 75 रुपए प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति संस्कृत के छात्रों को छात्रवृत्ति मिलेगी। वहीं कक्षा 9 से 10 के लिए 100 रुपए और कक्षा 11 और 12 के लिए 150 रुपए। इंटरमीडिएट के लिए 200 रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति मिलेगी। ग्रेजुएशन के लिए 250 रुपए प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति मिलेगी।
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किसी भी आय वर्ग के छात्र ले सकेंगे लाभ
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र और छात्राएं निर्धन परिवारों की पृष्ठभूमि से होते हैं। इसलिए संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत प्रथमा कक्षा छ और सात और आठ के छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने की व्यवस्था की गई है। 6 और 7 के बच्चों को पहले छात्रवृत्ति दिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अब सीएम के निर्देश पर सरकार ने उन्हें भी छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है। छात्रवृत्ति में जो संशोधन किया गया है वो पहले की तुलना में कहीं ज्यादा है। इसका लाभ सीधे-सीधे विद्यार्थियों को प्राप्त होगा। यह निर्णय संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है।
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