शब्बीर अहमद, भोपाल। Unified Pension Scheme: मध्यप्रदेश के नवनियुक्त शिक्षक यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से नाराज हैं। न्यूली अपॉइंटेड टीचर एसोसिएशन मध्य प्रदेश की मांग है कि जब भी राज्य सरकार UPS लागू करे, उसमें दो परिवर्तन जरूर करे। पहला कर्मचारी से किसी भी प्रकार का कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं लिया जाए। दूसरा पूरी पेंशन के लिए 25 वर्ष की नौकरी की बाध्यता खत्म की जाए। 

एसोसिएशन का कहना है कि महिला, ओबीसी, एसटी और एससी कैटेगरी के शिक्षक 45 साल तक नौकरी में आ सकते हैं। अगर वह 45 साल में नौकरी में आते हैं, तो किस प्रकार 25 साल पूरे कर पाएंगे। इस नियम की वजह से उन्होंने कहा कि हमारे बहुत सारे शिक्षक साथी पूर्ण पेंशन से वंचित हो जाएंगे। इसके अलावा शिक्षक भर्ती 2018 की नियुक्ति 2019 में मिलनी थी। लेकिन राज्य सरकार ने उसे 2021, 2022 और 2023 में नियुक्ति देने में काफी लंबा समय लगाया। इसकी वजह से बहुत सारे शिक्षक साथी 25 साल की नौकरी नहीं कर पाएंगे और इसका नुकसान कर्मचारियों को उठाना पड़ेगा। 

क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम?

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) केंद्र सरकार की कर्मचारियों के लिए लाई गई नई स्कीम है। मोदी कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवा की अवधि और अंतिम बेसिक वेतन के आधार पर स्थिर पेंशन दी जाएगी।

उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से ज्यादा और 25 साल से कम नौकरी की है, तो उसकी बेसिक पे भले ही कितनी कम हो, उसे पेंशन में कम से कम 10 हजार रुपए जरूर मिलेंगे। कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीने की बेसिक पे के औसत का 50% बतौर पेंशन दिया जाएगा।

अगर किसी कर्मचारी को उसकी नौकरी के आखिरी साल में 50 हजार रुपए बेसिक पे मिलती थी तो उसे रिटायरमेंट के बाद हर महीने 25 हजार रुपए पेंशन मिलेगी।

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