कोलकाता। राज्य सचिवालय तक मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में भाजपा द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद के कारण बुधवार को पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में दैनिक जीवन कुछ हद तक प्रभावित हुआ.

राज्य की राजधानी कोलकाता में, सप्ताह के दिनों की सुबह सड़कों पर सामान्य चहल-पहल गायब थी, क्योंकि बसें, ऑटो-रिक्शा और टैक्सियाँ कम संख्या में चल रही थीं. निजी वाहनों की संख्या भी काफी कम थी, जबकि बाजार और दुकानें हमेशा की तरह खुली रहीं. स्कूल और कॉलेज खुले रहे, जबकि अधिकांश निजी कार्यालयों में कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया और उपस्थिति कम रही.

मंगलवार को पश्चिम बंगाल सचिवालय ‘नबन्ना’ तक विरोध मार्च का आयोजन ‘पश्चिम बंग छात्र समाज’ और अन्य संगठनों द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या का विरोध करना था.

‘नबन्ना अभियान’ नामक रैली पश्चिम बंगाल की राजधानी में कॉलेज स्क्वायर से शुरू हुई, पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय के आसपास कड़ी सुरक्षा के बीच प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा के संतरागाछी इलाके में इकट्ठा हुए.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में यौन उत्पीड़न और हत्या की शिकार हुई एक प्रशिक्षु डॉक्टर के परिवार के साथ अपना दुख और एकजुटता व्यक्त करते हुए ‘Sorry’ कहा.

एक्स पर एक पोस्ट में सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस को घटना की पीड़िता को समर्पित कर रही हैं. “आज, तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर, मैं इसे अपनी बहन को समर्पित कर रही हूँ, जिसकी हमने कुछ दिनों पहले आरजी कर अस्पताल में दुखद मृत्यु पर शोक व्यक्त किया था. हम इस घटना के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और तत्काल राहत की मांग करते हैं. हमारी संवेदनाएं सभी उम्र की उन महिलाओं के साथ हैं जो अमानवीय घटनाओं की शिकार हुई हैं. खेद है,”

टीएमसी का बंद के खिलाफ प्रदर्शन

तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भाजपा के 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ आह्वान के खिलाफ प्रदर्शन किया. टीएमसी नेता नारायण घोष ने कहा, “वे (भाजपा) गरीब लोगों को परेशान करना चाहते हैं. वे पश्चिम बंगाल में डकैती करने आए हैं. आम और गरीब लोग ममता बनर्जी के साथ हैं. ऐसी हरकतें करके पश्चिम बंगाल को नहीं रोका जा सकता.”

बस चालक हेलमेट पहनने को मजबूर

बंद के मद्देनजर अधिकारियों ने कोलकाता में सुरक्षा कड़ी कर दी है. पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) डेंडुप शेरपा ने बताया, “राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर जगह पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.” हिंसा की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने कोलकाता में सरकारी बसों के ड्राइवरों और कंडक्टरों को हेलमेट पहनने का निर्देश दिया है. प्रशासन के निर्देश के बाद, कूच बिहार में उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम (एनबीएसटीसी) की बसों के ड्राइवर हेलमेट पहने हुए देखे गए.