तनवीर खान, मैहर। मध्य प्रदेश के मैहर जिले में लंबे अरसों से प्रबंधन की मनमानी और अनियमितताओं को लेकर चर्चा में बने अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री में मंगलवार को एक मजदूर की मौत हो गई। फैक्ट्री प्रबंधन ने आनन-फानन में दुर्घटना के बाद घायल श्रमिक को मैहर अस्पताल की जगह सीधे बिरला हाॅस्पिटल में भर्ती कराया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मृतक के परिजनों को 8 घंटे बाद दी गई। ऐसा आरोप लगाते हुए परिजनों ने फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।

ये है पूरा मामला

अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में काम करने आए ठेका मजदूर राजाराम कुशवाहा दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ठेकेदार और फैक्ट्री प्रबंधन ने पुलिस को कोई सूचना दिए बगैर घायल को सतना ले जाकर बिरला हॉस्पिटल में भर्ती किया। जहां कुछ घंटों बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फैक्ट्री प्रबंधन ने इस घटना के तुरंत सूचना मृतक के परिजनों को नहीं दिए जाने से सवाल उठना लाजिमी है कि किन परिस्थितियों में श्रमिक दुर्घटनाग्रस्त हुआ और उसकी मौत हुई। परिजनों ने श्रमिक की मौत को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि फैक्ट्री प्रबंधन और ठेकेदार घटना की वास्तविक जानकारी छिपा रहे हैं कि किन परिस्थितियों में वह दुर्घटनाग्रस्त हुआ है और उसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई?

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ठेके में काम कर रहे सैकड़ों मजदूर

सरला नगर स्थित सीमेंट प्लांट में प्रबंधन बदलने के बाद पूरी तरह तानाशाही और मनमानी रवैया अपनाया जा रहा है। खुलेआम मजदूरों का शोषण हो रहा है। फैक्ट्री प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी और श्रम कानूनों से बचने के लिए वहां अपने ही गुर्गों को ठेकेदार बनाकर उनके माध्यम से श्रमिकों से काम लिया जा रहा है। ताकि ऐसी कोई घटना होने पर फैक्ट्री प्रबंधन पूरी तरह बचा रहे। इसके पहले में भी फैक्ट्री में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रबंधन कानूनी तौर पर बचकर निकल गया और मृतकों के परिजनों को कोई मुआवजा दिया। श्रम कानूनों से जुड़े अधिकारी और जिला प्रशासन पूरी तरह इस शोषण-अत्याचार के खिलाफ मूकदर्शक बना हुआ है। वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। तथाकथित श्रमिक संगठन और नेता श्रमिकों की बजाय फैक्ट्री प्रबंधन की गुलामी में जुटे हुए हैं। इन हालातों में गरीब श्रमिकों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

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मृतक के बेटे को भी नहीं दी कोई जानकारी

मृतक के बेटे पुरुषोत्तम कुशवाहा ने बताया कि दुर्घटना की जानकारी मिलने पर मैं पहले फैक्ट्री गया, लेकिन वहां किसी अधिकारी या ठेकेदार ने मुझे कोई जानकारी नहीं दी। साथ में काम करने वाले कुछ श्रमिकों से मिला तो उन्होंने बताया कि मशीन के ऊपर से गिरने के कारण पिता घायल हुआ था, उसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन के कहने पर ठेकेदार घायल पिता को अस्पताल के नाम पर लेकर चला गया। सतना में बिरला अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। बेटे का कहना है कि उस पर दबाव बनाया जा रहा है और दुर्घटना कैसे हुई इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।

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