सत्या राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ के कई सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर लोगों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. किसी हॉस्पिटल में दवा नहीं तो किसी में स्टाफ नहीं तो किसी हॉस्पिटल में जांच कीट ही नहीं है. एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में पिछले तीन माह से हार्ट की सर्जरी नहीं हो रही है. इसके चलते तीन माह में यहां से 200 से ज्यादा मरीज लौट गए. इससे अब यह सवाल उठने लगे हैं कि कही प्राइवेट हॉस्पिटल को फायदा पहुंचाने का षड्यंत्र तो नहीं है.

बता दें कि एक हार्ट के ऑपरेशन में लाख रुपए खर्च होता है. जान बचाने के लिए लोग जमीन जायदाद तक बेच दे रहे तो कई मरीज कर्ज लेकर इलाज करा रहे. मेकाहारा के कोष में 33 करोड़ रुपए हैं, इसके बावजूद हजारों रुपए की मशीन नहीं होने से सर्जरी बंद है. इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के निर्देश पर विभागीय अफसर अस्पताल पहुंचे थे, इस दौरान आवश्यक सामग्रियों की लिस्ट सौंपी गई थी, लेकिन अब तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है.

एबीजी मशीन कीट की कमी है : अधीक्षक

पहले उधारी के मेडिकल स्टाफ से सर्जरी होता था. कहीं से बुलाने से उनके चले जाने के बाद इमरजेंसी स्थिति होने पर सेवा नहीं मिल पाती. स्थायी स्टाफ होने से मरीजों को फायदा मिलेगा. इस मामले में मेकाहारा के अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम ने कहा, बायपास सर्जरी चालू नहीं हुआ है. ओपन हार्ट सर्जरी बंद है. एबीजी मशीन कीट की कमी है. स्टाफ की कमी को लेकर उन्होंने कहा, पद नहीं है इसलिए भर्ती नहीं कर सकते.

137 पोस्ट स्वीकृत पर भर्ती नहीं कर रहे : डॉ. कृष्णकांत

एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के डॉ. कृष्णकांत साहू ने कहा, 137 पोस्ट स्वीकृत हैं, लेकिन भर्ती नहीं कर पा रहे हैं. मैनपावर की कमी है. मशीनों के संचालन करने वाले विशेषज्ञ नहीं है. एनेस्थीसिया देने वाले बाहर से आते हैं तो ऐसे में बहुत सारी दिक्कतें होती है. पूरे प्रदेश से सबसे ज्यादा सक्सेस रेट 97-98 प्रतिशत हमारे यहां की रहा है.

सामाजिक कार्यकर्ता का आरोप – कमीशन में बंधे हैं अधीक्षक, डीन

इस पूरे मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने सवाल उठाते हुए कहा, सरकार हमेशा महंगे इलाज और जनहित को देखते हुए मशीन खरीदती है, लेकिन अधिकारियों की कमीशनखोरी, हॉस्पिटल को फायदा पहुंचाने के षड्यंत्र के कारण मरीजों को लाभ नहीं मिल पाता है. ये अभी से नहीं पहले से ही रीत बना लिया गया है, क्योंकि यहां नि शुल्क इलाज करेंगे इसीलिए प्राइवेट हॉस्पिटल से मोटी रकम लेकर सौदा करते हैं. सरकारी हॉस्पिटल में जब व्यवस्था ही नहीं होगी तो इलाज कैसे होगा ? तीन माह से महत्वपूर्ण विभाग में सर्जरी बंद है. वहां के अधीक्षक, डीन को क्या जानकारी नहीं है. सब जानकारी होगी लेकिन मोटी कमीशन में दबे हैं.

एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में अब तक हो चुके हैं 1425 सर्जरी

बता दें कि एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में 2018 से अभी तक 1425 ऑपरेशन हो चुके हैं. इसमें 213 ओपन हार्ट सर्जरी, 502 छाती एवं फेफड़ों की सर्जरी और 710 वैस्कुलर (खून की नसों की) सर्जरी शामिल है. 2021 में हार्ट लंग मशीन एवं ओपन हार्ट सर्जरी के इंस्ट्रूमेंट्स आया. बायपास सर्जरी और ओपन हार्ट सर्जरी अब तक की सबसे क्रिटिकल सर्जरी है, जिसमें ऑपरेशन के समय और ऑपरेशन के बाद गहन देखभाल (पोस्ट ऑपरेटिव केयर) की आवश्यकता होती है. वर्तमान में इंस्टीट्यूट में न ही कार्डियक एनेस्थेटिक है ना ही हार्ट लंग मशीन चलाने वाले वाले परफ्यूशनिस्ट हैं और ना ही हार्ट सर्जन को असिस्ट करने के लिए कार्डियक सर्जरी फिजिशियन अस्सिटेंट है. क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट भी नहीं है. इनके बिना बायपास सर्जरी संभव नहीं है. इसी चीज को ध्यान में रखते हुए 2022 में कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के लिए 137 पदों का सृजन किया गया था, परंतु आज तक यह पोस्ट नहीं भरा गया है.

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