अंबिकापुर. राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) अपने सामुदायिक सहभागिता के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है. सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में संचालित परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) खदान के आसपास के कई गांवों में व्यापक तौर पर पहुंच बढ़ाने सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित कर रहा है. साथ ही निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा से अब आपात स्थिति में मरीजों को अस्पताल में त्वरित पहुंचाने में सक्षम साबित हो रही है. आरआरवीयूएनएल की इस पहल ने हजारों ग्रामीणों को बिना किसी खर्च के उच्चस्तर की चिकित्सा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान की है.

दो स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों का हो रहा संचालन

आरआरवीयूएनएल द्वारा अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से ग्राम साल्ही और परसा में स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों को स्थापित किया गया है, जहां स्थानीयों को प्राथमिक चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है. इसमें ग्राम साल्ही के केंद्र में डॉ. अजीत यादव द्वारा मरीजों का उपचार एलोपैथिक और आयुर्वेदिक पद्धति से किया जाता है, जबकि परसा के स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. पूजा पांडे के नेतृत्व में एलोपैथिक के साथ-साथ होम्योपैथिक पद्धति से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. फतेहपुर के 49 वर्षीय किसान बाबूनाथ सिंह को त्वचा संबंधी रोग हो गया था, लेकिन गुणवत्ता पूर्ण उपचार की कमी से उनका यह रोग बढ़ता ही जा रहा था. वो चिंतित था कि डॉक्टर की सलाह ली जाए, लेकिन इसके लिए उसे अम्बिकापुर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी. उसने आरआरवीयूएनएल की परसा स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में एक माह के नियमित उपचार से बाबुनाथ की हालत में काफी सुधार होने लगा. अब वह अच्छा महसूस कर रहा है.

डे-केयर चिकित्सा केंद्र व चलित चिकित्सा वाहन से मरीजों का इलाज

आरआरवीयूएनएल द्वारा गुमगा गांव में स्थापित किए गए छह बिस्तरिय डे – केयर अस्पताल में बीते तिमाही में कुल 1867 व्यक्तियों का इलाज किया गया, जिनमें 119 आपातकालीन मामलों में निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा द्वारा सहायता उपलब्ध कराई गई। इस व्यापक स्वास्थ्य कार्यक्रम का समन्वय डॉ. दीपक पुंगले के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इसके अलावा चलित चिकित्सा वाहन से नियमित तौर पर ग्राम घाटबर्रा, हरिहरपुर और तारा सहित कुल चौदह परिधीय गांवों में घूमकर निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श और दवाइयाँ उपलब्ध करा रहा है। वहीं लोगों को बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूक भी किया जाता है। इस तरह ग्रामीण समुदाय में गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को पहल में कुल 4,539 लाभार्थी शामिल हुए।

घाटबर्रा गांव की 56 वर्षीय आदिवासी महिला पर्बतिया ने बताया, “काफी समय से मेरे सिर में दर्द बना रहता था और मुझे चक्कर भी महसूस हो रहा था। इसके लिए अदाणी के स्वास्थ्य चिकित्सा वाहन में डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने जांच कर मुझे उच्च रक्तचाप होना से सिर दर्द होना बताया, जिसके उपचार के लिए मुफ़्त में दवाइयाँ दी उसके नियमित सेवन से अब मैं ठीक हो गई हूँ।”

गांवों में लग रहा मेगा चिकित्सा शिविर

आरआरवीयूएनएल द्वारा पीईकेबी कोल ब्लॉक के आसपास के ग्रामों में विशेष चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों का उद्देश्य दूर-दराज के समुदायों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को सुनिश्चित करना है, जिनमें दंत चिकित्सा, बाल चिकित्सा, नेत्र, त्वचा और स्त्री रोग देखभाल आदि शामिल हैं।

स्कूलों में लगाए सैनेटरी पैड वेंडिंग और इन्सिनरेटर मशीन

आरआरवीयूएनएल द्वारा किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य और माहवारी सुरक्षा के लिए साल्ही सहित कई गांवों में प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूलों में सैनिटरी पैड वेंडिंग और इन्सिनरेटर मशीनें लगाई गईं, जिससे मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन को बढ़ावा मिल रहा है। यह पहल पीईकेबी खदानों के आसपास के ग्रामीण समुदायों के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की पीईकेबी खदान को कोल मंत्रालय द्वारा विगत पाँच वर्षों से लगातार 5 सितारा सम्मान से नवाजा जा रहा है। यह सम्मान पीईकेबी खदान में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षात्मक मानकों के साथ साथ आसपास के ग्रामों में सामाजिक सरोकारों के तहत गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका उन्नयन और ढांचागत विकास में उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया है।

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