हेमंत शर्मा, इंदौर। हाल ही में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने शहर में बस संचालन को व्यवस्थित करने के लिए बस संचालकों को सख्त निर्देश दिए थे। कलेक्टर ने बस संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे निर्धारित बस स्टैंड से ही बसों का संचालन करें। इसके अलावा, कुछ बस संचालकों के दफ्तरों को भी सील कर दिया गया था। बावजूद इसके, इंदौर के प्रमुख चौराहों पर अस्थाई बस स्टैंडों से बसों का संचालन बेरोक-टोक जारी है, जिससे शहरवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रेडिसन चौराहा और बॉम्बे हॉस्पिटल क्षेत्र में हो रही समस्याएं
शहर के रेडिसन चौराहा और बॉम्बे हॉस्पिटल के आसपास का इलाका शाम के समय बेहद व्यस्त हो जाता है। यहां अस्थाई बस स्टैंडों से बसें संचालित होने के कारण सड़क पर बसों की लंबी कतारें लग जाती हैं। इससे वहां से गुजरने वाले आमजन को ट्रैफिक जाम और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन चौराहों पर बसों के अव्यवस्थित संचालन से न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि दुर्घटनाओं का भी खतरा बढ़ जाता है।
कलेक्टर ने दिए कड़ी कार्रवाई के संकेत
इस मामले में जब कलेक्टर आशीष सिंह से बातचीत की गई, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अस्थाई बस स्टैंडों से बसों का संचालन नियमों के खिलाफ है, और इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि बस संचालकों को पहले भी स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे केवल निर्धारित बस स्टैंड से ही बसों का संचालन करें। कलेक्टर ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और जो भी बस संचालक निर्देशों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन के इन कड़े निर्देशों के बाद बस संचालक अपनी गतिविधियों में कोई सुधार करते हैं या नहीं। अगर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आता है, तो कलेक्टर द्वारा और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। शहरवासियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा और यातायात व्यवस्था में सुधार देखने को मिलेगा।