शब्बीर अहमद, भोपाल। लोक शिक्षण संचालनालय (शिक्षा) के आदेश के बाद मध्यप्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए जिससे प्राथमिक शिक्षक जिनको हटाया जा रहा है उनका जीवन यापन हो सके। इसके साथ-साथ जिन स्कूलों से टीचर हटाए जाएंगे आदेश के बाद वहां पर इस बात का ध्यान दिया जाए के बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े। वहीं बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग की तरफ से आदेश दिया गया है। इसको लेकर विभाग में मंथन चल रहा है। बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है, शिक्षक को भी परेशानी नहीं आएगी और इसके साथ-साथ बच्चों को भी हम किसी तरीके की पढ़ाई में दिक्कत नहीं आने देंगे।

मध्यप्रदेश में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए B.Ed की जगह अब D.Ed जरूरी होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने यह आदेश जारी किया है। लोक शिक्षण संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया है। 10 अगस्त 2023 के बाद B.Ed करने वाले नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों की जानकारी भेजने के निर्देश दिए गए है। जिला शिक्षा अधिकारियों से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के बाद B.Ed डिग्री जरिये नौकरी पाने वाले सभी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त की जाएगी।

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