पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के राजिम से लगे रायपुर जिले के नवापारा थाना क्षेत्र में रेत माफियाओं की दबंगई थमने का ना नहीं ले रही है. बीती रात अवैध परिवहन में लगे हाइवा को ग्रामीणों ने रोकने का प्रयास किया, तो दबंग चालक ने ग्रामीणों को कुचलने का प्रयास किया. गुस्साए ग्रामीणों के हंगामा मचाया, तब जाकर पुलिस ने कार्रवाई की. ग्रामीणों की लिखित शिकायत पर नवापारा पुलिस ने चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर वाहन को जब्त कर लिया है. इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ भारत के पांच प्रदूषित राज्यों में हुआ शामिल, प्रदूषित जिलों में दुर्ग-रायपुर की स्थिति सबसे खराब…

अवैध रेत परिवहन से खराब हो रहे गांव के सड़क को लेकर पूरा गांव चिंतित है. पिछले 15 दिनो में ग्रामीणों ने लगातार दो बार प्रदर्शन कर अवैध परिवहन को रोकने की मांग किया था. स्कूली बच्चों ने सड़क पर आकर जमकर प्रदर्शन किया था. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन भी ग्रामीणों की बात मान कर अवैध परिवहन पर लगाम लगाने का भरोसा दिलाया था, किंतु राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त लोग लगातार रेत के अवैध परिवहन को अंजाम दे रहे हैं.

रेत माफिया को राजनीति शह

धमतरी-गरियाबंद सीमा से लगे मोहेरा घाट से रोजाना 10 से 15 हाइवा रेत परिवहन होता है. धमतरी जिले के माफिया इसे गरियाबंद के कुछ दलालों के साथ मिल कर अंजाम दे रहे हैं. मोहरा घाट में रेत ले जाने वाली हाइवा जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूरी पर पंटोरा मोड़ के आगे दिन-दहाड़े खड़ी होती है. सभी की नजर में काम हो रहा है, पर जिम्मेदार आंख मूंद लेते हैं. बताया जाता है कि दो जिलों के राजनीति जुगलबंदी से प्रतिबंध काल में रेत से लाखों की कमाई किया जा रहा है. इसके अलावा फिंगेश्वर ब्लॉक के लचलेरा में भी जमकर खनन हो रहा है.

ट्रेक्टर से डंप कर हाइवा में बेच रहे

गरियाबंद जिले के रेत घाट में हाइवा का विरोध शुरू हुआ तो तस्करों ने उसका भी हल निकाल लिया. पोड़, पाण्डुका, पंडरी तराई, कोपरा, फिंगेश्वर के नदी मोड़ ,बलरामपुर बिडोरा जैसे दर्जन भर स्थान में राजनीतिक रसूख प्राप्त माफिया ट्रेक्टर से रेत डंप कर रहे, और फिर राजधानी से आए हाइवा में लोड कर उसे बेच रहे. प्रति हाइवा 9 से 10 हजार का कीमत वसूली जा रही है. यही हाइवा राजधानी पहुंच 20 से 25 हजार रुपए में बिक रही है.