चंडीगढ़. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एनआरआई कोटे के तहत एमबीबीएस / बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए बदलने के पंजाब सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि यह अंतरिम राहत का मामला बनता है. इसलिए सुनवाई की अगली तारीख तक मानदंड बदलने के पंजाब सरकार के फैसले पर रोक रहेगी.
कोर्ट ने कहा कि एमबीबीएस/बीडीएस-2024 के प्रॉस्पैक्टस के अनुसार अनुसूची के अनुसार प्रवेश की प्रक्रिया जारी रहेगी. इस मामले में अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी. मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायाधीश अरुण खेत्रपाल की खंडपीठ ने एमबीबीएस / बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए गीता वर्मा और कई अन्य उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए है.
याचिका के अनुसार, 9 अगस्त को पंजाब राज्य द्वारा बाबा फरीब यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज (बीएफयूएचएस) के माध्यम से मैडीकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रॉस्पैक्टस जारी किया गया था और यूटी कोटा के लिए अंतिम तिथि 16 अगस्त और पंजाब राज्य के लिए 15 अगस्त थी. हाईकोर्ट को बताया गया कि 20 अगस्त को फॉर्म जमा करने के बाद, राज्य सरकार ने अवैध तरीके से एक शुद्धिपत्र जारी करके नियमों को बदल दिया, जिसके तहत एनआरआई श्रेणी के तहत प्रवेश के मौजूदा परविधान को संशोधित कर उन उम्मीदवारों को भी अनुमति दी गई जो एनआरआई के निकटतम रिश्तेदार है.
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