दुर्ग- नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क के सूत्रधार को पकड़ने में पुलिस को कामयाबी मिली है. सरकारी प्रतिष्ठान में अधिकारी एन मूर्ति को पुलिस ने नक्सली सामग्री के साथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली के कब्जे से 8 नग नक्सली साहित्य एवं कई दस्तावेज, 1 नग मोबाईल, 2 नग मैनपेक सेट मय चार्जर (HTRF) एवं 23 नग डेटोनेटर जब्त किया गया है. पूछताछ में इसने बताया है कि वह नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में काम करता है तथा राजनांदगांव जिले में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए डेटोनेटर की सप्लाई दीपक तेलतुमडे़ को करने के लिए आया है. इस संबंध में थाना बागनदी में अपराध धारा 4,5 विस्फोटक अधिनियम 38, 39 विधि विरूद्ध क्रियाकलाप के तहत पंजीबद्ध किया गया है तथा गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ जारी है.

रविवार को दुर्ग रेंज के आईजी जीपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि काफी लंबे समय से जंगल के अंदर नक्सलियों को आर्म्स-एम्युनेशन एवं लाजिस्टिक सपोर्ट, नक्सलियों के अंडर ग्राउण्ड शहरी नेटवर्क द्वारा सप्लाई करने की जानकरी प्राप्त हो रही थी. आत्मसमर्पित नक्सलियों द्वारा भी शहरी नेटवर्क के माध्यम से नक्सलियों को मदद मिलने का अहम खुलासा किया गया था. अतएव शहरी नेटवर्क के संबंध में जानकारी संकलित करने का काम लंबे समय से लगातार चल रहा था तथा विगत एक माह से अनेक महत्वपूर्ण सूचनायें पुलिस को मिल रही थी. इसी दौरान यह सूचना मिली थी कि नक्सलियों के नेशनल को-आर्डिनेटर, जिसे नक्सली मूर्ति के नाम से पुकारते हैं, एमएमसी जोन के सेन्ट्रल कमेटी मेम्बर दीपक तेलतुमड़े को सामान पहुंचाने के लिये आने वाला है.

चूंकि नेशनल को-आर्डिनेटर के हमेशा मोटर साइकिल से मूव्हमेंट करने की सूचना थी, अतएव संवेदनशील क्षेत्रों में कई दिनों से एमसीपी लगाकर लगातार चेकिंग कराई जा रही थी. इसी के तहत रविवार को जिला राजनांदगांव के चाबुकनाला मोड़ के पास बागनदी पुलिस द्वारा लगाये गये एमसीपी में चेकिंग के दौरान नक्का वेंकट राव उर्फ मूर्ति वेंकटराव वल्द साहेब वेंकटराव 54 वर्ष निवासी ग्राम व थाना कुत्तापेठ, जिला ईस्ट गोदावरी आंध्रप्रदेश को गिरफ्तार किया गया है.

नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीटयूट में था कार्यरत

आईजी जीपी सिंह ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली भारत सरकार के केन्द्रीय उपक्रम नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीटयूट, हैदराबाद में सीनियर टेक्नीकल आफिसर के पद पर कार्यरत है तथा विस्फोटक विशेषज्ञ है. यह वर्ष 1985 से रेडिकल छात्र आंदोलन आंध्रप्रदेश में सक्रिय रहकर माओवादी विचारधारा से प्रेरित हुआ है. वर्ष 2016 में टांडा एरिया के कौरूवा जंगल में सीसीएम दीपक, देवजी के साथ तथा दिसम्बर 2017 में भी टांडा एरिया के ही बागरझोला जंगल में दीपक के साथ इसकी बैठक हुई थी. नक्सल प्रभावित अन्य इलाकों में भी इसकी सक्रिय भूमिका की जानकारी है. ये नक्सलियों के मध्य कोआर्डिनेट कर संदेश पहुंचाने के साथ-साथ गुरिल्ला जोन को लाजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराता है. यह नक्सली देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाले किसान आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन, दलित आंदोलन, मंडला-चुटका परमाणु परियोजना विरोध आंदोलन, एलगार परिषद (भीमा कोरेगांव), एसईजेड के विरोध में चलने वाले आंदोलन, विभिन्न स्थानों पर विस्थापन के खिलाफ होने वाले आंदोलन में सक्रिय भागीदारी कर आंदोलनों को भड़काने व स्थाई रूप देने का काम करता है.

पत्नी आंध्रप्रदेश में है एडव्होकेट

इसकी पत्नी हेमललिता आंध्रप्रदेश में एडव्होकेट है तथा उपकार नामक एनजीओ संस्था चलाती है. गिरफ्तार नक्सली का छोटा भाई नारायण राव भी माओवादी विचारधारा से प्रभावित है तथा सिविल लिबर्टीज कमेटी तेलांगना राज्य का महासचिव है. पूछताछ में गिरफ्तार नक्सली ने खुलासा किया है कि उसके कब्जे से बरामद वायरलेस सेट को इसके भाई नारायण राव द्वारा ही इसे दिया गया है. स्पष्ट है कि इसका भाई नारायण राव भी नक्सली संगठन का सक्रिय सदस्य है.

गौरतलब है कि गिरफ्तार नक्सली नक्का के ही दिशा निर्देशन में पेसा द्वारा विस्फोटकों का ट्रासंपोर्टेसन देश के विभिन्न हिस्सों में किया जाता है, इससे संबंधित समस्त पत्राचार पेसा के साथ इसी के द्वारा किया जाता रहा है. संभावना है कि इसके द्वारा नक्सलियों को व्यापक पैमाने पर अवैध रूप से विस्फोटक सप्लाई की गई है, जिसका खुलासा आगे पूछताछ में हो सकता है. केन्द्र सरकार के महत्वपूर्ण उपक्रम में जिम्मेदार अधिकारी होने से इसके उपर किसी तरह के शक की कोई गुंजाइश न होने से, इसने अपने पद एवं हैसियत का गलत इस्तेमाल कर नक्सलियों को आर्म्स-एम्युनेशन एवं लाजिस्टिक मदद करते आ रहा है.