अमित पांडेय, खैरागढ़. अंग्रेज जमाने में सन 1936 में खैरागढ़ में एक मल्टी स्पेस्लिटी वाला हॉस्पिटल खोला गया था, जिसे ‘किंग जार्ज सिल्वर जुबली हॉस्पिटल’, नाम दिया गया. इस अस्पताल में कभी एक से बढ़कर एक स्पेसलिस्ट डॉक्टर हुआ करते थे, लेकिन अब डॉक्टरों और स्टाफ की कमी से खैरागढ़ का सिविल अस्पताल जूझ रहा है. किंग जार्ज सिल्वर जुबली अस्पताल की दीवारें अब अपनी जर्जर एवं बदहाल स्थिति लिए अपने पुराने शासकों को याद कर रहा है. शायद वो होते तो उनका ऐसा ये हाल नहीं होता.
छतीसगढ़ का रियासत कालीन खैरागढ़ बहुत ही रोचक और ऐतिहासिक महत्व वाला रहा है. यहां के शासक अपनी प्रजा की भलाई के हर संभव प्रयास किया करते थे. अपना सुंदर राजमहल ‘कमल विलास’ यहां के राजा ने शिक्षा को समर्पित कर दिया था, जहां आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में छात्र संगीत और कला की शिक्षा ले रहे हैं. ऐसे ही 1936 में तत्कालीन राजा बीरेन्द्र बहादुर और राजकुमार विक्रम बहादुर सिंह ने क्षेत्र की जनता के लिए एक सर्वसुविधा युक्त अस्पताल बनाने की ठानी.
पहले तो अंग्रेजी हुकूमत ने अस्पताल का विरोध किया था, लेकिन राजकुमार विक्रम बहादुर ने अकेले ही एक भव्य अस्पताल का निर्माण किया, जिसे देख वाहवाही लूटने अंग्रेजी हुकूमत भी राजकुमार के साथ हो गई. 1936 में खैरागढ़ में एक मल्टी स्पेस्लिटी वाला हॉस्पिटल खोला गया, जिसे नाम दिया गया ‘किंग जार्ज सिल्वर जुबली हॉस्पिटल’, जो अब डॉक्टरों और स्टाफ की कमी से जूझ रहा है.
खैरागढ़ को जिला बनाने के बाद 1936 में बना किंग जार्ज सिल्वर जुबली अस्पताल जिला अस्पताल बन गया है, लेकिन दीवारों में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी है, जिसके बावजूद इस अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ नर्स अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने मजबूर हैं. पूर्व में पर्याप्त मात्र में सिल्वर जुबली अस्पताल में स्टॉफ एवं स्पेस्लिस्ट डाक्टरों की टीम हुआ करती थी, लेकिन वर्तमान में स्टॉफ की काफी कमी है. साथ ही जिले में सबंधित रोग के स्पेस्लिस्ट डाक्टरों की भी भारी कमी है.
नर्सों ने सीएमएचओ से मांगी सुरक्षा
स्टॉफ की कमी को लेकर खैरागढ़ जिला अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ नर्सों ने CHMO खैरागढ़ को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में बताया गया है कि जिला अस्पताल काफी पुराना होने के कारण चारों तरफ से खुला हुआ है. ठीक से बॉउंड्रीवाल न होने के कारण अस्पताल के भीतर मरीजों के वार्ड में विक्षिप्त पहुंचकर हंगामा करते हैं, जिससे यहां के अस्पताल कर्मी काफी डरे रहते हैं. शीघ्र ही सुरक्षा व्यवस्था की जाए.
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