शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से लेकर राजस्थान तक चीता कॉरिडोर बनने जा रहा है। इसे लेकर दोनों सरकारों के बीच सैद्धांतिक सहमति बन गई है। जल्द अनुबंध भी हो जाएगा। बारिश के बाद कुछ चीतों को खुले में छोड़े जाने की प्लानिंग की जा रही है। अक्सर कूनो के चीता से राजस्थान बॉर्डर में प्रवेश कर जाते हैं। इस कॉरिडोर के निर्माण से चीतों की सुरक्षा के साथ टेरिटरी का दायरा भी बढ़ेगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कूनो नेशनल पार्क से राजस्थान के हाड़ौती संभाग के जंगलों को टाइगर रिजर्व को जोड़ने के लिए कॉरिडोर की घोषणा की है। ऐसे में प्रदेश के जंगलों में और यहां के टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ-साथ यहां पर आने वाले समय में चीते भी देखे जाएंगे।
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कई बार एक दूसरे के राज्यों में पहुंच चुके हैं एमपी के चीता और राजस्थान के बाघ
बता दें कि मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में भारत सरकार ने चीते बसाए थे, जो पिछले 6 माह में राजस्थान के बारां जिले के केलवाड़ा में अग्नि और करौली जिले की रणकपुर रेंज में चीता ओमान आ गए थे। कई बार राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व से निकलकर बाग मध्य प्रदेश आ जा चुके हैं। ऐसे में वन्यजीव की सुरक्षा को लेकर एक कॉरिडोर विकसित करना बेहद जरूरी था।
कॉरिडोर में दोनों राज्यों के 8 सेंचुरी को जोड़ने का प्लान
भजन सरकार ने प्रदेश के बजट में मध्यप्रदेश के गांधीसागर और राजस्थान के भैंसरोडगढ, चंबल घड़ियाल को उन्होंने नेशनल पार्क से जोड़ते हुए चीते के विचरण का कॉरिडोर बनाने की घोषणा की है। इस कॉरिडोर में राजस्थान और मध्यप्रदेश के 8 सेंचुरी गांधीसागर, मुकंदरा टाइगर रिजर्व, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, रणथंभौर टाइगर रिजर्व, भैंसरोडगढ़ सेंचुरी, चंबल घड़ियाल सेंचुरी, शेरगढ़ सेंचुरी, कूनो नेशनल पार्क को आपस में कनेक्ट किया जाएगा।
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