लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित KGMU अस्पताल में 9 माह के मासूम बच्चे की मौत मामले में परिजनों ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि डॉक्टर ने Youtube देखकर बच्चे की डायलिसिस की थी। वहीं इस मामले में शासन ने संज्ञान लेते हुए मंडलायुक्त से जांच कराकर रिपोर्ट मांगी है। 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसके बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।

ये है पूरा मामला

बता दें कि 28 जून को गोरखपुर निवासी जितेंद्र यादव ने अपने 9 माह के बेटे अभियुदय को डायरिया होने पर स्थानीय अस्पताल में दिखाया था। आराम नहीं मिलने पर कई अन्य अस्पतालों में दिखाया गया था। इसके बाद 14 जून को केजीएमयू लेकर आए थे। पल्स रेट कम होने के बावजूद सीनियर डॉक्टरों को नहीं बुलाया गया था। इतना ही नहीं यू-ट्यूब पर देखकर डायलिसिस करने से हालत और गंभीर हो गई थी। इलाज के काफी रक्तस्राव हुआ था। गले में गंदगी फंसने से सांस लेने तक में दिक्कत होने लगी थी। किसी डॉक्टर के नहीं आने पर मशीन से खुद ही गले में फंसी गंदगी निकाली थी।

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डॉ. सुधीर सिंह ने कहीं थी ये बातें

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया था कि बच्चे को बुखार, डायरिया, निमोनिया, पैन्सीटोपेनिया के लक्षण थे। इससे पहले दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती था, जहां इम्यूनोडेफिशिएंसी के कारण आईवीआईजी थेरेपी भी दी गई थी। केजीएमयू में सांस लेने में दिक्कत होने पर वेंटिलेटर पर रखा गया था। कुछ दिनों में बच्चे के मस्तिष्क और गुर्दों ने काम करना बंद कर दिए थे। इसके बाद डायलिसिस शुरू की गई थी। इससे शरीर में सूजन भी आ गई थी। इलाज के बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ और सेप्टीसीमिया के बाद मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन हो गया था और उसकी कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत हो गई।

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