डब्बू ठाकुर,कोटा. छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी रेत कारोबारियों का वर्चस्व अभी भी कायम है. कारोबारी अभी भी पूरी तरह से सक्रिय होकर धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. इनकी सक्रियता का ताजा मामला अरपा नदी से निकलकर सामने आया है, जहां रेत उत्खनन पर प्रतिबंध के बावजूद भी रेत माफिया बेखौफ होकर रेत उत्खनन कर रहें हैं और जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कुम्भकर्णीय नींद सो रहे हैं. अधिकारियों का गोलमाल रवैया बना हुआ है और अरपा नदी की रेत को रेत माफिया बेखौफ रेत उत्खनन व परिवहन कर राजस्व का लाखों का चूना लगा रहे हैं.
सरपंच-सचिव की सह में चल रहा खेल
मिली जानकारी के अनुसार कोटा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिल्लीबंद, पोड़ी, करहीकछार, रतखण्डी में ट्रैक्टर से खुलेआम रेत माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. यह सब कारोबार महिला सरंपच नंदनी मरावी और सचिव रंजीत महादेवा के सह में फलफूल रहा है. यहां से बगैर रॉयल्टी पर्ची के नदी से रेत निकालने का 150 से 200 रुपए पंचायत के लोगों द्वारा वसूली के रूप में लिया जाता है. ग्रामीणों की शिकायत है कि बड़ी मुश्किल से खनिज अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं, लेकिन खनिज विभाग द्वारा महज खानापूर्ति के नाम पर गाड़ियों पर कार्रवाई कर छोड़ देते हैं. इसके बाद शेष दर्जनों गाड़ियों को बगैर कार्रवाई जाने दिया जाता है.
सभी घाट बंद फिर भी उत्खनन जारी
ग्रामीणों के मुताबिक यहां प्रतिदिन सुबह-शाम सौ से अधिक ट्रैक्टर रेत उत्खनन किया जाता है. जीवनदायिनी अरपा नदी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. नदी को सुरक्षित करने के बजाय नदी के चारों ओर अवैध उत्खनन किया जा रहा है जिसके कारण नदी का मूल स्वरूप बदलता जा रहा है. रेत उत्खनन के लिए सभी घाट को बंद कर दिया गया है इसके बावजूद आसपास के ठेकेदार ट्रैक्टर से अरपा नदी पर बेखौफ उत्खनन कर रहे हैं.
अधिकारियों और रेत माफियाओं का सांठगांठ
रेत निकालने वाले मजदूरों की मानें तो प्रतिदिन रेत के उत्खनन व परिवहन का कार्य किया जाता है. वहीं ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा खनिज विभाग के अधिकारियों से मिलकर नदी से रेत निकाला जा रहा है. रेत खदानों से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध होने के बावजूद रेत का अवैध खनन खनिज अधिकारियों और रेत माफियाओं की सांठगांठ को उजागर करता है.
मुख्यमंत्री ने रोक लगाने दिए थे सख्त निर्देश
बहरहाल सत्ता परिवर्तन के बाद छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध उत्खनन को लेकर अधिकारियों को सख्स हिदायत दी थी कि भूमाफियाओं और अवैध कारोबार पर कार्रवाई करते हुए तत्काल रोक लगाने निर्देश दिए थे. लेकिन ऐसा लगता है कि जिला खनिज विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देश का भय भी नहीं लग रहा. शायद इसलिए ही प्रतिबंध के बावजूद रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है. अब देखना यह होगा कि इस मामले में क्या कोई कार्रवाई होती है या फिर यह सिलसिला ऐसे ही बदस्तूर चलता रहेगा.