Never Run Out in His Career: 16 साल के क्रिकेट करियर में कभी भी रन आउट नहीं होना बड़ी बात है. यह क्रिकेट में किसी अजूबे से कम नहीं. ये एक भारतीय दिग्गज ने करके दिखाया है. ये वो खिलाड़ी है जिसने देश को पहला विश्व कप जिताने में जी जान लगा दी थी. ये वही खिलाड़ी है जिसे दुनिया का नंबर वन ऑलराउंडर भी कहा जाता है. वो अपने दौर का स्टार खिलाड़ी रहा. जो गेंद और बल्ले से विरोधी टीमों के होश उड़ा देता था. आखिर कौन है ये खिलाड़ी, चलिए विस्तार से जानते हैं.

कपिल देव

16 साल के करियर में कभी भी रन आउट नहीं होने वाला दिग्गज कोई और नहीं बल्कि कपिल देव हैं. जिन्होंने 1983 में भारत को पहला विश्व कप खिताब दिलाया था. वो टीम इंडिया का मजबूत स्तंभ रहे हैं. जिन्होंने विदेशी सरजमीं पर भी बढ़िया प्रदर्शन किया था. इस दिग्गज आलराउंडर के पास इंटरनेशनल क्रिकेट में 687 विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने करियर में 9031 रन बनाए थे. इसलिए उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास का महान ऑलराउंडर कहा जाता है.

क्यों कभी भी रन आउट नहीं हुए कपिल देव?

शानदार खेल जागरूकता- कपिल देव खेल को समझते थे और विकेटों के बीच दौड़ने में शामिल जोखिमों को समझते थे.
तेज दौड़-कपिल देव विकेटों के बीच अपनी तेज दौड़ के लिए जाने जाते थे, जिससे उलझन में फंसने की संभावना कम हो जाती थी.
स्मार्ट पार्टनरशिप- अपने बल्लेबाजी साझेदारों के साथ उनका संवाद सुनिश्चित करता था कि वे हमेशा एक ही पृष्ठ पर रहें, जिससे गलतफहमी से बचा जा सके जो रन-आउट का कारण बन सकती है

कब किया था डेब्यू?

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव बॉलिंग और बैटिंग दोनों में बढ़िया थे. उन्होंने साल 1978 में इंटरनेशनल डेब्यू किया था. आखिरी मुकाबला साल 1994 में खेला था. वो देश के लिए 131 टेस्ट और 225 वनडे मैच खेल चुके हैं, जिनमें क्रमश 5248 और 3783 रन बनाए हैं.

कैसा रहा है कपिल देव का क्रिकेट करियर?

कपिल देव ने टेस्ट में कुल 434 जबकि वनडे में 253 शिकार किए हैं. 1983 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में उन्होंने जिंबाब्वे के खिलाफ नाबाद 175 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी. वो इंग्लैंड के इयान बॉथम के बाद दुनिया के दूसरे सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर माने जाते हैं.