Lalit Mohan Negi Retired: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ACP ललित मोहन नेगी रिटायर हो गए हैं। स्पेशल सेल में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ललित मोहन नेगी की 31 अगस्त को रिटायरमेंट हुए। वो ‘अब तक 47’ (10 पाकिस्तानी आतंकवादी और 37 अंडरवर्ल्ड/गैंगस्टर) को छलनी कर चुके हैं।

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देश विदेश की खुफिया और इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों के लिए ACP ललित मोहन नेगी ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के तौर पर चर्चित चेहरा रहे। 26 साल से स्पेशल सेल में रहते हुए जाबांजी के सर्वाधिक मेडल, अवॉर्ड, प्रशस्ति पत्र पाने वाले अफसर हैं। नेगी ने अपने करियर में दिल्ली का जामा मस्जिद ब्लास्ट मामला, पार्लियामेंट अटैक केस, बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम बम ब्लास्ट मामला और मुंबई का 7/11 ब्लास्ट मामला ललित मोहन नेगी और इनकी टीम ने सुलझाया और ब्लास्ट में शामिल आतंकियों को गिरफ्तार किय।

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4 पुलिस मेडल फॉर गैलंट्री मिल चुके

उनकी इस सेवा के लिए ललित मोहन नेगी को 4 पुलिस मेडल फॉर गैलंट्री मिल चुके हैं। IB, रॉ और सीबीआई जैसी एजेंसियां उनके काम की तारीफें कर चुकी हैं। उन्हें कई वीरता पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
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ललित मोहन नेगी चर्चा में क्यों?

  • ललित मोहन नेगी ने 10 पाकिस्तानी आतंकियों सहित 47 अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया.
  • ललित मोहन नेगी मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. उन्होंने 26 जून, 1989 को दिल्ली में बतौर सब-इंस्पेक्टर ज्वाइन किया और अपने असाधारण काम की बदौलत लगातार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाते रहे. वे स्पेशल सेल में एसीपी पद पर भी तैनात रहे.
  • साल 2001 में जब संसद भवन पर हमला हुआ, तो इस केस को सुलझाने वाली टीम में ललित मोहन नेगी शामिल थे. मामले की चार्जशीट बनाने में इनकी अहम भूमिका थी, जिसके नतीजे में अफजल गुरू को फांसी हुई.
  • दिल्ली, मुंबई, बनारस, बेंगलुरु में लगातार मार्केट में, ट्रेन के अंदर बम धमाके हो रहे थे. बाद में खुलासा हुआ कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन इन हमलों के पीछे है. इसके बाद ललित मोहन नेगी अपने सहयोगी इंस्पेक्टर हृदय भूषण के साथ स्पेशल सेल की टीम को संगठित किया और एक के बाद एक देश भर से इंडियन मुजाहिद्दीन के वॉन्टेड आतंकियों को गिरफ्तार किया.
  • दिल्ली का जामा मस्जिद ब्लास्ट मामला, बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम बम ब्लास्ट मामला और मुंबई का 7/11 ब्लास्ट मामला ललित मोहन नेगी और इनकी टीम ने सुलझाया और ब्लास्ट में शामिल आतंकियों को गिरफ्तार किया. बिहार के दरभंगा मॉड्यूल का खुलासा भी इनकी टीम ने ही किया था. 

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इस तरह चढ़ी सफलता की सीढ़ी

नेगी के पिता चंद्र सिंह नेगी दिल्ली स्थित एक प्राइवेट कंपनी में थे और पिता के एक दोस्त दिल्ली पुलिस में दरियागंज थाने में तैनात थे। इसलिए चौथी क्लास में दरियागंज के DAV में पढ़ने के लिए आ गए। उनके पास ही रहकर पढ़ाई की। वहीं से दिल्ली पुलिस की तरफ रुझान हुआ। भगत सिंह कॉलेज से ग्रैजुएशन करने के बाद जून 89 में बतौर सब इंस्पेक्टर दिल्ली पुलिस जॉइन की। निजामुद्दीन, वसंत कुंज, आरके पुरम, कापसहेड़ा, धौला कुआं थाने में रहने के बाद 1998 में स्पेशल सेल में आ गए। साल 2000 पार्लियामेंट अटैक, जर्मन बेकरी ब्लास्ट, चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम ब्लास्ट, लाल किला अटैक, अलकायदा, ISIS, लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन या अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ ऑपरेशन करने के बाद उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिलते चले गए।

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