शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द दो और जिला बनाने की घोषणा (2 District In MP) हो सकती है। इसे लेकर लगभग सारी एक्सरसाइज पूरी हो चुकी है। 3 सितंबर को मोहन कैबिनेट की बैठक होनी है जिसमें करीब एक दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण जिला बनाने का प्रस्ताव है जिसको लेकर लंबे समय से मांग के साथ विरोध प्रदर्शन होता रहा है। बीना को जिला बनाने का ऐलान होता है तो वह मध्यप्रदेश का 56 वां जिला होगा। 

4 सितंबर को बीना आएंगे जाएंगे मोहन यादव

कैबिनेट की बैठक के अगले दिन यानी 4 सितंबर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बीना आने वाले हैं। कयास लगाए जा रहे है कि मुख्यमंत्री यहां पहुंचकर खुद बीना को जिला बनाने का ऐलान कर सकते हैं। इसके पीछे सरकार और बीजेपी का सियासी गुणा भाग भी है। क्योंकि बीना कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं। लेकिन अभी तक उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। 

जल्द इस्तीफा देंगी निर्मला सप्रे !

कांग्रेस से बागी हुई निर्मला सप्रे को करीब चार महीने हो गए हैं। लेकिन बावजूद उन्होंने अब तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। कांग्रेस दल बदल के कानून के तहत निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन शिकायत पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। 

उधर निर्मला सप्रे के करीबियों की मानें तो वो जल्द विधायक पद से इस्तीफा दे देंगी। बस बीना को जिला बनाने की घोषणा होने का इंतजार कर रही हैं। विधायक पद से इस्तीफे के बाद निर्मला सप्रे को चुनाव में जीतना होगा और घोषणा होने के बाद उपचुनाव में वो जनता के बीच जाकर बता सकती हैं कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी इसलिए छोड़ी थी कि बीजेपी में आकर बीना को जिला बनवा सकें। अगर वह बीना को जिला बनवाने में कामयाब नहीं होती हैं और विधायक पद से इस्तीफा देकर चुनावी मैदान में कूदती हैं तो कांग्रेस उन पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाएगी और इसे चुनावी मुद्दा भी बनाएगी। जिससे निर्मला सप्रे को सियासी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। 

35 साल का संघर्ष जल्द होगा पूरा

बीना को जिला बनाने के लिए करीब 35 साल से संघर्ष किया जा रहा है। कई बार जिला बनाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। सरकारें बदलती रहीं लेकिन जनता की मांग पूरी नहीं हुई। लेकिन अब वो पूरी हो सकती है। बीना अगर जिला बनता है तो उसमें मालथौन, कुरवाई, खुरई, पठारी, बांदरी को मिलाकर जिला बनाया जा सकता है। 

बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई कारण अब तक टला फैसला !

लोकसभा चुनाव के दौरान निर्मला सप्रे मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में बीजेपी शामिल हुई थीं। इसकी स्क्रिप्ट मंत्री गोविंद सिंह राजपूती ने लिखी थी। लेकिन बताया जाता है कि ज्वाइनिंग से सागर जिले के दूसरे कद्दावर बीजेपी के नेता नाराज हो गए। जब बीना को जिला बनाने की बात आई तो इन्हीं कद्दावर नेताओं ने इसका विरोध किया। क्योंकि उनका इलाका भी सागर से निकलकर बीना में शामिल हो सकता है। 

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