बाराबंकी। उत्तर प्रदेश की बाराबंकी पुलिस की शर्मनाक हरकत सामने आई है। जहां एक दुष्कर्म पीड़िता को चौकी में 10 घंटे बिठाया गया। उसके साथ अश्लील बातें की गई और समझौता करने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं पीड़िता के मामा को 50 हजार रुपए ऑनलाइन भेज दिए गए। लखनऊ से महज 20 किलोमीटर दूर हुए इस मामले में सीनियर पुलिस अधिकारियों ने कोई सख्त नहीं की और न शिकायत पर ध्यान दिया। वहीं जब मामला सोशल मीडिया के जरिए वायरल हुआ तब बाराबंकी के एसपी ने थानाध्यक्ष अरुण प्रताप सिंह को लाइन हाजिर और एसआई मनोज कुमार को सस्पेंड किया है।
मसौली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने एसपी से शिकायत में बताया कि सितंबर 2018 में उनके बहनोई की हत्या के दूसरे दिन बहन ने खुदखुशी कर ली थी। 16 साल की भांजी की देखरेख वहीं करते हैं। 22 अगस्त को भांजी खेत जा रही थी। तभी गांव के अंकित वर्मा ने उसे कार में खींच लिया और शहर स्थित एक होटल में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। 23 अगस्त को किशोरी की हालत खराब होने पर उसे इलाज के बहाने लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद ले गया। फिर 25 अगस्त को अंकित किशोरी को गांव के बाहर छोड़कर भाग गया।
25 अगस्त को ही पीड़िता अपने मामला के साथ चौकी पहुंची। चौकी में आरोपी को भी बुलाया गया। पुलिस की संवेदनहीनता देख मामा ने 27 अगस्त को एसपी से शिकायत की। इसके बाद 30 अगस्त को अंकित के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ। पीड़िता के मामा ने 31 अगस्त को जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से सीएम से गई शिकायत में बताया कि पुलिस ने SP के आदेश को दरकिनार किया। इतना ही नहीं मनमाने ढंग से मुकदमा दर्ज किया। नाबालिग पीड़िता को बिना किसी परिजन की मौजूदगी के 30 अगस्त से जबरन थाने में रोका गया है। पुलिस चौकी में आरोपी के छह दोस्तों ने अभद्रता की और सुलहनामे पर जबरन हस्ताक्षर करवाने की भी शिकायत की गई।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक