दुनिया भर में जहां एक ओर महिलाओं की सुरक्षा और समानता को लेकर मुहिम चलाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानूनों को ही रद्द कर दिया हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने इन कानूनों को रद्द करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है.
ओबामा ने 2014 में महिला कर्मचारियों को उचित वेतन और कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर कार्यकारी आदेश जारी किया था. इसमें प्रावधान किया गया था कि कंपनियां श्रम एवं नागरिक अधिकार कानून के तहत महिला कर्मचारियों की कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी. साथ ही महिलाओं को पुरुषों के समान उचित वेतन देने और इसमें पारदर्शिता लाने की भी व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा यौन उत्पीड़न मामले में सुलह के लिए महिला पर दबाव बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
निजी अटॉर्नी के जरिए यौन उत्पीड़न के मामले किए जा सकेंगे रफा-दफा
नेशनल वोमेन्स लॉ सेंटर की कार्यस्थल पर महिलाओं की समानता मामले की डायरेक्टर माया रघु के मुताबिक ट्रंप के इस कदम से यौन उत्पीड़न मामले में निजी अटॉर्नी के माध्यम से महिलाओं पर दबाव डालकर मसले को आसानी से रफा-दफा किए जा सकेंगे. इसके अलावा अमेरिका में महिलाओें को पुरुष कर्मचारी की तुलना में कम वेतन दिया जाता है. इकोनॉमिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के हालिया विश्लेषण के मुताबिक महिलाओं को पुरुषों को मिलने वाले वेतन का 83 फीसदी ही दिया जाता है.