सुरेश परतागिरी, बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के मारुड़बाका गांव से एक ऐसी घटना सामने आई है जो सरकारी सिस्टम की दावों की पोल खोलती है. यहां एक महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता थी. लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी और प्रशासनिक लापरवाही ने स्थिति को गंभीर बना दिया.

दरअसल, हुआ ऐसा की मारुड़बाका गांव निवासी महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई. परिजनों ने मदद के लिए 108 एंबुलेंस को तो बुला लिया. लेकिन एंबुलेंस मरीज के घर तक नहीं पहुंच सकी. वह इसलिए क्योंकि गांव एक बड़े नाले के किनारे बसा हुआ है और आवाजाही के लिए कोई भी पुल निर्माण नहीं किया गया है. जिसकी वजह से गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई और नाले के दूसरी ओर मरीज के इंतजार में खड़ी रही. वहीं महिला की हालत देख परिजन और परेशान हो गए. इस बीच पीड़िता के पति कोसा कुडियाम अपनी पत्नी की जान बचाने के लिए गांव के युवकों से मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद युवकों ने मौके पर तत्परता दिखाते हुए उफनते नाले को पार कराने का साहसिक कदम उठाया और उन्होंने रस्सी की मदद से खाट में लादकर महिला को नाला पार कराया. जिसके बाद महिला को 108 एंबुलेंस तक पहुंचाया गया और फिर एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल ले जाया गया. जहां महिला का इलाज जारी है.

बता दें कि पिछले दिनों 22 जुलाई को उसूर के नंबी इलाके में सीआरपीएफ के जवानों ने भी ड्रम की मदद से प्रसव के बाद महिला को नदी पार कराया था. देश को आजाद हुए 78 साल हो गए है लेकिन अभी भी वनांचल क्षेत्र के गांव में विकास नहीं पहुंचना सरकार के विकास के दावों की पोल खोलता है. बीजापुर के मारुड़बाका गांव में आज तक पुल का निर्माण नहीं हुआ है जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में समस्या का सामना करना पड़ता है और इसी कारण क्षेत्र के लोग अन्य सुविधाओं से भी वंचित है.

वहीं इस मामले में बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि हम उस क्षेत्र में पुल- पुलिया और सड़के बनाएंगे. बीजापुर में भी कॉफी ज्यादा वर्षा हुई है. इसलिए भी दिक्कतें आ रही है. जैसे सब सामान्य हो जाएगा हम वहां की समस्या का निराकरण करेंगे.

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