रायपुर- भूपेश मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार के बाद आईये एक नजर डालते हैं कि मंत्रिमंडल के गठन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को कितना ध्यान दिया गया. क्षेत्रीय संतुलन की बात करें तो सबसे ज्यादा मंत्री दुर्ग संभाग से बनाये गये हैं. भूपेश मंत्रिमंडल के 12 सदस्यों में से पचास फीसदी यानि 6 मंत्री दुर्ग संभाग से आते हैं. इनमें पाटन विधायक और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,दुर्ग ग्रामीण से विधायक ताम्रध्वज साहू, साजा विधायक रविन्द्र चौबे,कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर,अहिवारा विधायक रुद्र गुरु और डोंडीलोहारा से विधायक अनिला भेडिया के नाम शामिल हैं. लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो पांच मंत्री दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से आते हैं और एक मंत्री यानि अनिला भेडिया कांकेर लोकसभा क्षेत्र से आती हैं.
दुर्ग सभाग के बाद बिलासपुर और सरगुजा संभाग से दो-दो मंत्री बनाये गये हैं. बिलासपुर संभाग से खरसिया विधायक उमेश पटेल और कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल को भूपेश मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. जबकि सरगुजा संभाग से अम्बिकापुर विधायक टी.एस.सिंहदेव और प्रतापपुर विधायक प्रेमसाय सिंह टेकाम को मंत्रिमंडल में स्थान मिला है.लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो कोरबा और रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से एक एक मंत्री रखे गयें हैं,जबकि सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से दो मंत्री रखे गये हैं.रायपुर और बस्तर संभाग से एक-एक मंत्री बनाये गये हैं. रायपुर संभाग से आरंग विधायक डॉ शिव कुमार डहरिया मंत्रिमंडल में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं,तो बस्तर संभाग से कवासी लखमा को मंत्रिमंडल में जगह मिली है. लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो रायपुर और बस्तर लोकसभा क्षेत्र से एक-एक मंत्री बनाये गये हैं.
अब बात जातीय संतुलन की करें,तो सामान्य वर्ग,ओबीसी और आदिवासी वर्ग से तीन-तीन मंत्री बनाये गये हैं,जबकि अनुसूचित जाति वर्ग से दो और अल्पसंख्यक वर्ग से एक मंत्री बनाये गये हैं.सामान्य वर्ग से टी.एस.सिंहदेव,रविन्द्र चौबे और जयसिंह अग्रवाल मंत्री बनाये गये हैं. ओबीसी वर्ग से सीएम भूपेश बघेल,ताम्रध्वज साहू और उमेश पटेल आते हैं.आदिवासी वर्ग से कवासी लखमा,प्रेमसाय सिंह टेकाम और अनिला भेडिया मंत्री बनाये गये हैं. अनुसूचित जाति वर्ग से डॉ शिव कुमार डहरिया और रुद्र गुरु को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है, जबकि अल्पसंख्यक वर्ग से मोह्म्मद अकबर को जगह दी गई है.आपको बता दें कि सामान्य वर्ग से कांग्रेस के 12 विधायक हैं,जबकि ओबीसी वर्ग से 18 विधायक हैं.इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति से 28,अनुसूचित जाति से 7 और अल्पसंख्यक वर्ग से 4 विधायक आते हैं. विधायकों की संख्या के हिसाब से सामान्य,ओबीसी,अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक वर्ग को मंत्रिमंडल में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिली है,लेकिन संख्या के हिसाब से अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रतिनिधित्व कम है.इसलिये उम्मीद की जा रही है कि मंत्रिमंडल में रिक्त 1 पद को आदिवासी विधायक को देकर इस संतुलन को ठीक कर लिया जायेगा.